संवाददाता, पटना राज्य में मॉनसून अवधि खत्म होने के बाद अब 16 अक्टूबर से बालू खनन शुरू हो जायेगा. इस नये सत्र में करीब तीन सौ घाटों से खनन शुरू होने की संभावना है. इसमें पीला और सफेद दोनों बालू के घाट शामिल हैं. बालू का खनन शुरू करने से पहले खान एवं भूतत्व विभाग ने अवैध खनन, ढुलायी और बिक्री पर नजर रखने के लिए सख्त निगरानी की तैयारी की है. बालू घाटों की निगरानी सीसीटीवी सहित ड्रोन से भी की जायेगी. इसके साथ ही सभी घाटों पर धर्मकांटा को सीसीटीवी से जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है. वहां वजन के बाद ही चालान निर्गत हो सकेंगे. सूत्रों के अनुसार 15 जून को नदियों से बालू खनन बंद होने से पहले तक राज्य में 180 घाटों से बालू खनन हो रहा था. इनमें 18 घाट सफेद बालू के शामिल थे. मॉनसून अवधि में बालू का खनन कार्य बंद रहने के दौरान खान एवं भूतत्व विभाग के निर्देश पर बचे हुये बालू घाटों की नीलामी सहित पर्यावरणीय मंजूरी लेने संबंधी प्रक्रिया चल रही थी. ऐसे में राज्य में करीब तीन सौ बालू घाटों से खनन शुरू होने से राज्य सरकार को राजस्व की पहले से अधिक प्राप्ति होगी. साथ ही आम लोगों को निर्माण कार्यों के लिए पहले से अधिक आसानी से उचित कीमत पर बालू उपलब्ध हो सकेगा. 15 अक्टूबर तक बंद है नदियों से बालू खनन सूत्रों के अनुसार फिलहाल मॉनसून अवधि में राज्य की नदियों से बालू का खनन 15 जून से 15 अक्टूबर तक बंद है. इस अवधि में पटना सहित करीब एक दर्जन जिलों में बचे हुये बालू घाटों की बंदोबस्ती प्रक्रिया संपन्न की गयी. जिन नदियों के बालू घाटों की बंदोबस्त प्रक्रिया संपन्न हुई उनमें गंगा, सोन, पुनपुन, दर्धा, कमला, भूतही बलान और मुनहारा जैसी नदियां शामिल हैं. विभागीय जानकारी के अनुसार पूर्व में करीब 10 जिलों में बालू घाटों का बंदोबस्त लेने के बाद बंदोबस्तधारियों ने घाट सरेंडर कर दिये थे. उनमें लगभग 40 घाट थे जिनमें से अधिकांश की बंदोबस्ती हो गयी है.
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