Prabhat Khabar Samvad Live 2025: प्रभात खबर के संवाद कार्यक्रम में संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार ने लाखों नौकरियां दीं, लेकिन आज तक कोई यह नहीं कह सकता कि उन्होंने नौकरी के बदले ज़मीन लिखवाई हो. उन्होंने आगे कहा कि अगर नीतीश कुमार पर कोई किताब लिखनी हो तो वह एक वॉल्यूम में नहीं, बल्कि कई वॉल्यूम में लिखनी पड़ेगी, क्योंकि उनके 20 साल का सफर एक किताब में समेटा नहीं जा सकता.
संजय झा ने निशांत की एंट्री पर कहा कि निशांत जी को लेकर जो भी फैसला होगा, वह पार्टी के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार जी ही लेंगे, क्योंकि यह उनकी बनाई हुई पार्टी है. उन्होंने कहा कि निशांत जी आएं या नहीं आएं, यह पूरी तरह से नीतीश कुमार जी का निर्णय होगा. साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि मरीन ड्राइव किसने बनवाया था? अगर यह सड़क नहीं बनी होती तो क्या तेजस्वी यादव ‘वोट अधिकार यात्रा’ कर पाते?
प्रभात खबर के संवाद कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रभात खबर के संवाद कार्यक्रम में पहुंचे. प्रभात खबर समूह के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी ने उनका स्वागत किया. कार्यक्रम में बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पहुंचे.
प्रभात खबर के संवाद में जेपी नड्डा ने कहा कि अगर बिहार की बात करें तो एक तरफ अंधकार है और दूसरी तरफ उजाला. जब तक अंधकार को दूर नहीं करेंगे, तब तक उजाला संभव नहीं है. उन्होंने याद दिलाया कि 2003 से पहले बिहार में गांधी मैदान में ‘तेल पिलावन’ और ‘लाठियाभाज’ जैसे आयोजन हुआ करते थे.
प्रभात खबर के संवाद में JP नड्डा ने कहा,” पटना में इंजीनियरों से मिलने पर वे कहते थे—“हम वापस तो जा रहे हैं, लेकिन लौटकर आएंगे या नहीं, इसकी गारंटी नहीं.” उस दौर में अपहरण की दरें तय होती थीं और छात्र शर्मिंदा रहते थे कि 2000 बैच होने के बावजूद 2002 में परीक्षा दे रहे हैं. उस समय के मुख्यमंत्री का बयान था कि सड़क बनेगी तो पुलिस जल्दी पहुँच जाएगी, इसलिए सड़क न बनना ही ठीक है. लालू यादव ने सड़क निर्माण पर कहा था कि “जानवरों का खून खराब हो जाएगा.” पलायन पर उनका तर्क था—“गमछा पहनकर जाता है, सूट पहनकर लौटता है.” यानी त्रासदी को भी महिमामंडित किया गया.
आज सवाल है कि क्या तेजस्वी यादव ने जनता से माफी मांगी ? गलती का एहसास न होने पर भला विकास कैसे होगा? दो बार अवसर मिलने पर भी उन्होंने काम नहीं किया. इसके उलट, मोदी जी और नीतीश जी के नेतृत्व में 20 वर्षों में बिहार ने विकास देखा है. रेलवे में 144 वंदे भारत ट्रेनें, 98 आधुनिक स्टेशन, 12,000 करोड़ की लागत से पटना एयरपोर्ट और दरभंगा में दूसरा AIIMS इसका उदाहरण हैं. भारत आज विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहा है, IMF और वर्ल्ड बैंक इसे सराह रहे हैं. यह बदलते बिहार और नए भारत की तस्वीर है, जो उजाले की ओर बढ़ रहा है.

