Patna Health Alert: राजधानी पटना में न्यूनतम तापमान गिरने के साथ अस्पतालों के इमरजेंसी वार्डों में ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर (BP) अचानक बढ़ जाता है और जो मरीज दवा नहीं लेते या डोज एडजस्ट नहीं कराते, वे सबसे ज्यादा जोखिम में रहते हैं.
मंगलवार को सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक सिर्फ 11 घंटे के भीतर 12 मरीज भर्ती किए गए. विशेषज्ञों ने इसे गंभीर संकेत बताते हुए सतर्क रहने की सलाह दी है.
पिछले 11 घंटे में 12 मरीज, अस्पतालों में बढ़ी चिंता
IGMS और PMCH के इमरजेंसी वार्डों में मंगलवार को कुल 12 नए मरीज भर्ती हुए. इनमें IGMS में 8 और PMCH में 4 मरीज शामिल हैं. फिलहाल सभी मरीज इमरजेंसी में डॉक्टरों की निगरानी में हैं.
IGMSमें पहले से ही 25 मरीज भर्ती हैं, यानी कुल मिलाकर ब्रेन हेमरेज के मामलों का दबाव लगातार बढ़ रहा है. अस्पताल प्रशासन इसे ठंड में बढ़ रही स्वास्थ्य चेतावनी के रूप में देख रहा है.
सामान्य गलती – ठंड में BP दवा छोड़ देना
डॉक्टरों के अनुसार, लगभग सभी नए मरीजों में एक समान समस्या सामने आई—उन्होंने BP की दवा बंद कर दी थी, या महीनों से नियमित रूप से नहीं ले रहे थे. PMCH के अधीक्षक डॉ. I.S. ठाकुर ने बताया:
एक मरीज को तो पता ही नहीं था कि वह हाई BP का मरीज है. एक 49 वर्षीय व्यक्ति को तीन साल से BP था, लेकिन दवा लेना बंद कर दिया था. ठंड में ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है और दवा छोड़ने पर यह अचानक स्ट्रोक का कारण बन जाता है.
ठंड में क्यों बढ़ रहा है खतरा? डॉक्टरों की चेतावनी
IGMS के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल बताते हैं कि ठंड में ब्लड प्रेशर (BP) नैचुरली बढ़ता है क्योंकि शरीर की नसें सिकुड़ने लगती हैं. उन्होंने कहा कि समय पर दवा, नियमित BP चेक और डॉक्टर से डोज एडजस्ट कराना जरूरी है. लेकिन लोग तभी ध्यान देते हैं जब हालत गंभीर हो जाती है.
डॉक्टरों ने साफ कहा है, ठंड में BP की दवा कभी न छोड़ें, नियमित रूप से BP की जांच करें, सुबह-शाम ठंडी हवा से बचें,अचानक भारी काम न करें. शुगर मरीज भी विशेष सावधानी रखें.
अगर सिर में तेज दर्द, चक्कर, उलझन, सुन्नता जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत अस्पताल पहुंचें. देर करने पर परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं.
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