Patna Airport: पटना. होली पर पटना आने का विमान किराया सामान्य से बढ़ कर दो से ढाई गुना तक हो गया है, जबकि अभी होली में लगभग तीन सप्ताह बाकी है. यही हाल बिहार के दूसरे एयरपोर्ट दरभंगा का है. यहां भी होली पर विमान किराया रिकार्ड तोड़ने के करीब है. गोइबिबो डॉट काम पर मंगलवार रात नौ बजे दिल्ली, मुंबई, पुणे और बेंगलुरु का विमान किराया सामान्य से दोगुना, जबकि हैदराबाद ओर चेन्नई के लिए लगभग ढाई गुना हो गया. सर्वाधिक वृद्धि होलिका दहन से एक दिन पहले 12 मार्च को दिखी.
महानगरों से पटना वापसी का विमान किराया
शहर- विमान किराया
मुंबई-9896
पुणे- 9301
दिल्ली- 6999
चेन्नई -7945
हैदराबाद- 8502
बेंगलुरु -8302
तीन घंटे देर से आयी स्पाइसजेट की दिल्ली वाली फ्लाइट
ऑपरेशनल वजह से मंगलवार को तीन घंटे देर से स्पाइसजेट की दिल्ली वाली फ्लाइट आयी. यह शाम छह बजे के बजाय रात 9:51 बजे तीन घंटे 51 मिनट की देरी से आयी और लगभग उतने ही देरी से वापस गयी. इसके अलावा भी तीन जोड़ी विमान देर से आये व गये. हालांकि, इनकी देरी एक घंटे से कम की रही. इनमें 6इ6902 (लखनऊ) 19 मिनट, 6इ6382 (हैदराबाद) 29 मिनट और 6इ6277 (बेंगलुरु) 21 मिनट देर से आयी और लगभग उतने ही देरी से वापस गयी.
दरभंगा एयरपोर्ट से यात्रा करने वालों की संख्या पहुंची 1800 के पार
दरभंगा एयरपोर्ट से शेड्यूल के मुताबिक विमानों का परिचालन नहीं होने से यात्रियों को परेशानी हो रही है. साथ ही विभाग को राजस्व की भी क्षति हो रही है. 12 दिनों के बाद सोमवार को यहां से यात्रा करने वालों की संख्या 1800 को पार कर गयी है. आज यहां से एक दर्जन फ्लाइट में 1838 यात्रियों ने सफर किया. इससे पहले 12 फरवरी को इतने ही विमान में 1891 पैसेंजरों ने यात्रा की थी. वहीं इस अंतराल में केवल आठ से 10 विमानों का ही आवागमन होता था.
एक पखवाड़ा में केवल चार दिन एक दर्जन विमानों का हुआ आना- जाना
विभागीय जानकारी के अनुसार एक पखवाड़ा में नौ से 24 फरवरी तक केवल चार दिन नौ, 10, 12 व 24 फरवरी को एक दर्जन फ्लाइट की सर्विस दी गयी. इस अंतराल में दो दिन यात्रियों की संख्या 1900 के आसपास रही. नौ को सबसे अधिक 1919 व 10 फरवरी को 1919 लोगों ने यात्रा की थी. अन्य दिन आठ से 10 जहाज ही उड़े. सोमवार को यहां से 12 विमानों की आवाजाही हुई. इसमें दिल्ली व मुंबई रूट पर सबसे अधिक आठ जहाज उड़े. कोलकाता व हैदराबाद रूट पर चार प्लेन में यात्रियों ने सफर किया.
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