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पशुपति पारस के करीबी पर लगा 400 करोड़ के भ्रष्टाचारी की मदद का आरोप, जाने पूछताछ पर क्या बोले सुनील कुमार

सुनील कुमार सिन्हा पर आरोप है कि अनिल यादव की पैरवी के लिए उन्होंने विजिलेंस के एसपी को फोन किया था. इसके कारण दोनों में विवाद भी हुआ था. इसके बाद स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने उन्हें नोटिस दिया था. मामले में मंगलावर को स्पेशल विजिलेंस यूनिट के सामने हाजिर हुए.

स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) के द्वारा लगातार बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के कोषाध्यक्ष और रउनके करीबी माने जाने वाले सुनील कुमार सिन्हा को भी एसवीयू के द्वारा नोटिस दिया गया था. सुनील कुमार पर आरोप है कि वो भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी का सहयोग कर रहे थे. स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने सुनील कुमार को मंगलवार की सुबह 11 बजे हाजिर होने का नोटिस दिया था. सुनील कुमार मंगलवार को जब एसयूवी के ऑफिस पहुंचे तो उन्होंने कहा कि जिस भ्रष्टाचार में लिपत होने के लिए उनको नोटिस दिया गया है वो इसके बारे में जानते तक नहीं हैं.

जांच में करूंगा एसवीयू की मदद

सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि मामले के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. वो मामले में लिप्त लोगों का चेहरा तक नहीं पहचानते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे युनिट की तरफ से नोटिस क्यों दिया गया मैं नहीं जानता. मैं सरकार के समर्थन में रहने वाली पार्टी से हूं. मैं कानून का सम्मान करता हूं. मुझे बुलाया गया है तो मैं अवश्य जाऊंगा. जांच में मेरा पूरा सहयोग होगा. सुनील कुमार ने बताया कि उनके पार्टी के नेता पशुपति पारस हैं. ऐसे में पूछताछ के लिए आने से पहले उन्होंने पशुपति नाथ को इसकी सूचना दी थी.

400 करोड़ के टेंडर में भ्रष्टाचार का है आरोप

स्पेशल विजिलेंस यूनिट के द्वारा ये कार्रवाई बुडको के 400 करोड़ रूपये के टेंडर में भ्रष्टाचार से जुड़े हुए हैं. आरोप है कि इस टेंडर को पास कराने में बुडको के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अनिल कुमार यादव ने बड़ा हेरफेर किया था. इस मामले की जांच एसवीयू के द्वारा की जा रही है. एसवीयू ने जब जांच शुरू की और सबूत इकट्ठा करके 25 जुलाई को 98 लाख से ज्यादा रुपये उनके पास से बरामद किया. इसके बाद विभाग ने आय से अधिक की संपत्ति का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की है.

सुनील कुमार ने विजिलेंस में करनी चाही थी पैरवी

यह पूरा मामला बुडको के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अनिल कुमार यादव से जुड़ा हुआ है. इंजीनियर अनिल कुमार पर 400 करोड़ का टेंडर पास करने में बड़े स्तर का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है. इसके बाद एसवीयू ने जांच शुरू की और अनिल कुमार के खिलाफ सबूत इकट्ठा कर 25 जुलाई को 98 लाख 41 हजार 366 रुपये नकद बरामद कर आय से अधिक संपत्ति की एफआईआर दर्ज की. इसके साथ ही 26 जुलाई को उसकेकई ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी. आरोप है कि सुनील कुमार सिन्हा ने अनिल यादव की पैरवी के लिए विजिलेंस के एसपी को फोन किया था. इसके कारण दोनों में विवाद भी हुआ था.

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