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बिहार में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए नई पहल, दिन में दो बार मिलेगी ओपीडी सेवा

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और सदर अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए एसओपी जारी किया है. एसओपी में निर्देश दिया गया है कि सभी अस्पतालों में स्वागत कक्ष बनाये जाये.

बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और जिला अस्पतालों में अब दिन में दो बार ओपीडी सेवा मिलेगी. सुबह नौ बजे से दो बजे और दोपहर में चार बजे से शाम छह बजे तक मरीजों के लिए ओपीडी चलाया जायेगा. इसके लिए मरीजों का निबंधन ओपीडी के आधे घंटे पहले शुरू होगा और आधे घंटे पहले बंद होगा. ओपीडी का समय गर्मी और सर्दी में बदल जायेगा.

डॉक्टरों के राउंड का समय भी तय

भर्ती मरीजों के इलाज को लेकर चिकित्सकों का मॉर्निंग और इविनिंग राउंड भी होगा. मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में चिकित्सकों का राउंड सुबह 8.30 से नौ बजे तक और शाम में 5.30 बजे से छह बजे तक होगा. स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है.

मौसम के अनुरूप ओपीडी में निबंधन होगा

नये एसओपी के अनुसार ओपीडी में निबंधन का समय आठ बजे से 1.30 बजे तक होगा. ओपीडी का संचालन सुबह नौ से दो बजे तक होगा. शाम को चार बजे से छह बजे तक ओपीडी सेवा देंगे. यह व्यवस्था गर्मी के मौसम में रहेगी. ठंड के दौरान ओपीडी दोपहर तीन से शाम पांच बजे तक चलेगा.

आठ बजे से दो बजे तक होंगे ऑपरेशन

अस्पतालों के आपरेशन थियेटर में इलेक्टिव आपरेशन का समय आठ बजे से दोपहर दो बजे तक निर्धारित होगा. आपात आपरेशन थियेटर की सुविधा सातों दिन 24 घंटे रहेगी.

डिस्पले बोर्ड पर डाक्टरों की डयूटी और दवाओं के दिखेंगे नाम

विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य और अधीक्षक के साथ सिविल सर्जन और अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि ओपीडी और भर्ती मरीजों को तीन दिनों की जगह पांच दिनों की दवा दी जाए. इसके अलावा डाइबिटिज और बीपी के मरीजों को अन्य दवाओं के अलावा कम से कम 30 दिनों की दवा दी जाए. सभी अस्पतालों में डिस्प्ले बोर्ड पर डॉक्टरों की ड्यूटी और दवा को प्रदर्शित करना है.

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और सदर अस्पतालों में मरीजों को दी जानेवाली सेवाओं के सुदृढीकरण के लिए एसओपी जारी किया है. एसओपी में निर्देश दिया गया है कि सभी अस्पतालों में स्वागत कक्ष बनाये जाये. वैसी कर्मी जिन्हें हिंदी और स्थानीय भाषा का ज्ञान होगा, उन्हें पूछताछ डेस्क और मे आइ हेल्प यू डेस्क पर तैनात किया जाये. ओपीडी निबंधन काउंटर पर परिजनों की सहायता के लिए जीविका दीदियों को लगाने को कहा गया है.

प्रतीक्षा क्षेत्र में परिजनों के लिए होंगे कई इंतजाम

ओपीडी और आइपीडी क्षेत्र में मरीजों व उनके परिजनों की अनुमानित औसत संख्या के हिसाब से बैठने की व्यवस्था करने को कहा गया है. इसके अलावा यहां टेलीविजन, पंखा और जरूरत के अनुसार 24 घंटे सात दिन पीने के पानी की व्यवस्था करनी है. अस्पताल प्रबंधन को नये वाटर प्यूरीफायर और ऑन काल मरम्मत की व्यवस्था भी करने को कहा गया है.

अन्य कार्य

सभी इमरजेंसी सेवाएं व ब्लड बैंक की सेवा सातों की दिन 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी, ब्लड और कंपोनेट की उपलब्धता अस्पतालों को डिस्प्ले बोर्ड पर प्रदर्शित करनी है. इसके अलावा इलेक्ट्रानिक बोर्ड पर ओपीडी का ड्यूटी रोस्टर, फार्मेसी में दवा की उपलब्धता, आकस्मिक शय्या की उपलब्धता, रेफरल और इमरजेंसी नंबर डिस्प्ले की व्यवस्था करनी है. संक्रमण नियंत्रण के लिए संक्रमण नियंत्रण समिति गठित करना है और अस्पताल संक्रमण नियंत्रण एवं बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन के लिए अस्पताल कर्मियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी सुनिश्चित करना है.

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