पटना. बिहार में मनरेगा योजना को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने अधिकारियों की मनमानी पर आरोप लगाया है. मुखिया महासंघ बिहार ने आरोप लगाया कि ग्रामीण विकास विभाग के कुछ लोगों की साजिश और उनकी मनमानी के कारण राज्यभर में मनरेगा कार्य ठप पड़ा है. इससे लाखों मजदूरों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है. मुखिया महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश कुमार राय ने कहा कि सचिव की नीतियों ने पंचायतों को हाशिए पर धकेल दिया है. वित्तीय वर्ष 2023-24 का मनरेगा भुगतान अब तक लंबित है. महासंघ ने मांग की है कि मनरेगा का संचालन पंचायतों के जरिए हो. प्रशासनिक खर्च की राशि सीधे पंचायतों को दी जाये और एनएमएमएस एप की बाध्यता खत्म की जाये. मुखिया संघ ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसे पदाधिकारियों को नहीं हटाया गया और पंचायतों को अधिकार नहीं मिले तो राज्य की सभी पंचायतें मनरेगा से अलग हो जायेंगी. इस मुद्दे पर 24 अगस्त को पटना के बापू सभागार में राज्यस्तरीय प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन करने का निर्णय लिया गया है. बैठक में मुखिया महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष शेर सिंह, पंच सरपंच संघ के अध्यक्ष अमोद कुमार निराला सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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