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Friday, March 29, 2024

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मौसम के कारण अब नहीं बाधित होगी पटना एयरपोर्ट पर विमानों की लैंडिंग, मिलेगी रियल टाइम मौसम की जानकारी

मौसम विज्ञान महानिदेशक डॉ एम महापात्र ने जानकारी दी है कि दूसरे राडार की मंजूरी दे दी गयी है. यह पूर्णिया में स्थापित किया जायेगा. इस राडार के लग जाने से तीव्र वर्षा वाले बादल की निगरानी होगी.

बिहार में हवाई सेवा अब और भी सुरक्षित हो गयी है. अब मौसम के कारण हवाई जहाज की लैंडिंग बाधित नहीं होगी. वे सुरक्षित उतर सकेंगे. पटना एयरपोर्ट के रनवे के दोनों सिरों पर अत्याधुनिक एविएशन वेदर ऑब्जर्निंग सिस्टम तैयार कर लिया गया है. इससे लैंडिंग के समय पायलट को मौसम संबंधी सभी जानकारियां रियल टाइम पर उपलब्ध होंगी.

सुरक्षित उड़ान संचालन में मददगार होगी नयी तकनीक

मौसम विज्ञान के महानिदेशक डॉ एम महापात्र का कहना है कि मौमस विज्ञान विभाग की नयी तकनीक पटना एयरपोर्ट से सुरक्षित उड़ान संचालन में काफी मददगार साबित होगी. बिहार दौरे पर आये महापात्रा ने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम आधारित आरएस- आरडब्ल्यू सिस्टम के प्रदर्शन की भी समीक्षा की. यह पटना हवाई अड्डा परिसर में स्थित है.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना के साथ साइन किया एमओयू

मौसम विज्ञान के महानिदेशक डॉ एम महापात्र ने दो दिवसीय दौरे (27 – 28 जनवरी ) में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं. आइआइटी पटना के बिहटा कैंपस में आयोजित कार्यक्रम में आइआइटी के निदेशक प्रोफेसर (डॉ) टी एन सिंह ने हस्ताक्षर किया है. दोनों संस्थाएं उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग कर मौसम पूर्वानुमान तकनीक का विकास करेंगी.

स्टार्टअप कंपनियों का किया जाएगा व्यावसायीकरण

मौसम की निगरानी के लिए सेंसर विकसित कर स्थानीय स्टार्टअप कंपनियों के लिए इसका व्यावसायीकरण किया जायेगा. प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण भी इसमें शामिल है. महापात्रा ने उद्यमियों से मौसम विज्ञान और पर्यावरण संबंधित सेंसर के व्यावसायिक उत्पादन के क्षेत्र में उद्यम करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि पूरे दक्षिण पूर्व एशिया में इसका विशाल बाजार है.

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तीव्र वर्षा वाले बादल का पता लगाने को पूर्णिया में लगेगा दूसरा रडार

मौसम विज्ञान महानिदेशक डॉ एम महापात्र ने जानकारी दी है कि दूसरे राडार की मंजूरी दे दी गयी है. यह पूर्णिया में स्थापित किया जायेगा. इस राडार के लग जाने से तीव्र वर्षा वाले बादल की निगरानी होगी. काले बादल कई बार हिमालय की तलहटी में आकस्मिक बाद के लिए जिम्मेदार होते हैं. मौसम विज्ञान विभाग के पटना, गया, पूर्णिया और भागलपुर कार्यालय में स्थलीय विकिरण माप के लिए उपकरण लगाया जायेगा. इनका उपयोग जलवायु में दीर्घकालिक प्रवृत्ति के विश्लेषण के लिए किया जायेगा. पटना में विभाग के नये भवन को लेकर आ रही दिक्कतों को दूर करने की भी बात कही है.

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