सूचना एवं जनसंपर्क सह जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने गंगा और कोसी नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुये अधिकारियों और इंजीनियरों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. उन्होंने मंगलवार को प्रदेश की विभिन्न नदियों के जल स्तर और बाढ़ से सुरक्षा की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिये. उन्होंने बांधों की सुरक्षा के लिए विभाग की टीमों द्वारा रात में की जा रही गश्ती की जीपीएस लोकेशन के साथ रीयल टाइम तस्वीर मुख्यालय भेजना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं. इन तस्वीरों के आधार पर मुख्यालय से निगरानी की जा सकेगी.
विभाग के अंतर्गत आने वाले तटबंधों पर रात्रि गश्ती और त्वरित कार्रवाई में मदद करने के लिए हर किलोमीटर पर एक स्थानीय प्रहरी की तैनाती की गई है. संवेदनशील स्थलों पर बाढ़ सुरक्षात्मक सामग्रियों का भंडारण किया गया है. इन सब की अलग-अलग मॉनीटरिंग के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाये गये हैं. उसमें फील्ड के अधिकारी सुबह से देर रात तक जीपीएस लोकेशन के साथ रीयल टाइम फोटो भेजते हैं. मुख्यालय से वरीय अधिकारी उस पर जरूरी निर्देश देते हैं. जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा भी इन ग्रुपों से जुड़े हैं और नियमित रूप से जरूरी निर्देश दे रहे हैं.
गंगा का जलस्तर मंगलवार सुबह बक्सर, दीघा, हाथीदह, गांधी घाट (पटना) और कहलगांव (भागलपुर) में खतरे के निशान से ऊपर दर्ज हुआ है. बक्सर में जलस्तर 60.62 मीटर (लाल निशान 60.32 मीटर), दीघा में 50.61 मीटर (लाल निशान 50.40 मीटर), हाथीदह में 42.42 मीटर (लाल निशान 41.76 मीटर), गांधी घाट में 49.49 मीटर (लाल निशान 48.60 मीटर), कहलगांव में 31.59 मीटर (लाल निशान 31.09 मीटर) दर्ज किया गया है.
उधर, बीरपुर (सुपौल) स्थित कोसी बराज पर मंगलवार सुबह आठ बजे एक लाख 35 हजार क्यूसेक जलस्राव दर्ज हुआ. कोसी बराज से इस साल अधिकतम जलस्राव तीन अगस्त को दो लाख 35 हजार क्यूसेक दर्ज हुआ था. कोसी का जलस्तर मंगलवार सुबह बसुआ, बलतारा और कुरसेला में खतरे के निशान से ऊपर दर्ज हुआ है. बसुआ में जलस्तर 48.75 मीटर (लाल निशान 47.75 मीटर), कुरसेला में 30.57 मीटर (लाल निशान 30 मीटर), बलतारा में 34.20 मीटर (लाल निशान 33.85 मीटर) दर्ज हुआ.
गंडक का जलस्तर मंगलवार को डुमरिया घाट, गोपालगंज में खतरे के निशान से ऊपर दर्ज हुआ है. डुमरिया घाट में सुबह का जलस्तर 62.34 मीटर (लाल निशान 62.22 मीटर) दर्ज हुआ है.
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राज्य में एक जून से 29 अगस्त के बीच कुल 466.2 एमएम बारिश हुई है, वहीं मॉनसून सामान्य रहने पर 762.5 एमएम बारिश होनी चाहिए थी. इस तरह राज्य में इस वर्ष मॉनसून सीजन में सामान्य से 39 प्रतिशत कम बारिश हुई है. जल संसाधन विभाग के अधिकारी और अभियंता सभी नहरों में अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं.