डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कृषि, स्वास्थ्य, गृह, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में दिया निर्देश संवाददाता, पटना राज्य में आपूर्ति किये जा रहे संदिग्ध हल्दी, लहसुन, चावल व दूसरे खाद्य उत्पादों की लैब में जांच होगी. मुख्यालय स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक संदिग्ध उत्पादों की रोकथाम के लिए गठित टास्क फोर्स को क्रियाशील किया जायेगा. नकली खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए बाजारों में निरीक्षण की संख्या बढ़ायी जायेगी. नकली खाद्य और कृषि उत्पादों के व्यापार में लिप्त लोगों के खिलाफ कठोर दंड और जुर्माने के लिए कानून और नियम को कठोरता से लागू किया जायेगा. उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को पटना के विकास भवन स्थित कार्यालय में कृषि, स्वास्थ्य, गृह, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की संयुक्त बैठक में ये आदेश दिये. उन्होंने अप्रमाणिक लहसुन, हल्दी, चावल तथा अन्य खाद्य सामग्री/उत्पादों की तस्करी तथा बिक्री से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव पर चिंता जाहिर की. इन विभागों के अलावा कृषि विश्वविद्यालय तथा आइसीएआर के वैज्ञानिकों के साथ इस विषय पर विमर्श किया. बाजारों में होगी जांच, बॉर्डर इलाके में बढ़ेगी सख्ती उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय बाजारों, थोक विक्रेताओं, गोदामों और परिवहन साधनों की सघन जांच होगी. इसके लिए एक संयुक्त कार्यबल (टास्क फोर्स) गठित की जायेगी. बाहर से आने वाले किसी भी प्रकार के अप्रमाणिक लहसुन, हल्दी, चावल या अन्य खाद्य सामग्री की पहचान होगी. इसके नुकसान के बारे में आमलोगों और किसानों को जागरूक किया जायेगा. कहा कि नकली खाद्य पदार्थों की पहचान के लिए निरंतर टेस्टिंग अभियान चलेगा. सीमावर्त्ती क्षेत्रों तथा संवेदनशील इलाकों में संदिग्ध उत्पादों की निगरानी बढ़ायी जायेगी.
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