Patna News: नए साल के जश्न से ठीक पहले पटना में खाने-पीने की क्वालिटी को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है. खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण विभाग ने शुक्रवार को शहर के प्रमुख इलाकों- बोरिंग कैनाल रोड और बोरिंग रोड पर बड़े लेवल पर जांच अभियान चलाया. इस दौरान आधा दर्जन से अधिक नामी होटलों और रेस्टोरेंट्स की रसोई और स्टोरेज की गहन जांच की गई, जिसमें कई चौंकाने वाली लापरवाहियां सामने आईं हैं.
एक्सपायर्ड कोल्ड ड्रिंक्स और दो दिन पहले पकाया गया मीट बरामद
राजापुर पुल के पास स्थित ‘वीर जी सोया चाप’ रेस्टोरेंट में भारी मात्रा में एक्सपायर्ड कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलें और सोया चाप के पुराने पैकेट बरामद किए गए. वहीं, ईस्ट बोरिंग कैनाल रोड स्थित ‘चंगु-मंगु रेस्टोरेंट’ में दो दिन पहले पकाया गया चिकन और मटन परोसे जाने की तैयारी में पाया गया. विभाग की टीम ने मौके पर ही सभी खराब और अस्वास्थ्यकर सामग्री को जब्त कर निर्धारित विभागीय प्रक्रिया के तहत नष्ट कर दिया.
लैब टेस्ट के लिए भेजा गया है नमूना
खाद्य सुरक्षा नियमों के उल्लंघन को गंभीर मानते हुए संबंधित रेस्टोरेंट संचालकों को नोटिस जारी किया गया है. उन्हें 48 घंटे के भीतर संतोषजनक स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही अन्य होटलों, रेस्टोरेंट्स और खुले में मीट बेचने वाले विक्रेताओं से पनीर, मछली, मीट, शेक और विभिन्न पेय पदार्थों के नमूने भी लिए गए हैं, जिन्हें लैब जांच के लिए भेजा गया है.
कई रेस्टोरेंट हो सकते हैं सील
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि बोरिंग रोड क्षेत्र के कई होटलों के पास वैध लाइसेंस तो मौजूद थे, लेकिन सफाई और हाइजीन के मानकों पर वे खरे नहीं उतर रहे थे. खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि यदि जांच रिपोर्ट में मानकों के उल्लंघन की पुष्टि होती है या संचालकों का जवाब असंतोषजनक पाया जाता है, तो भारी जुर्माना, लाइसेंस निलंबन और जरूरत पड़ने पर प्रतिष्ठान को सील करने तक की कार्रवाई की जाएगी.
विभाग ने साफ किया है कि उपभोक्ताओं की सेहत से किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. नए साल की भीड़ और बढ़ती खपत को देखते हुए यह विशेष जांच अभियान 31 दिसंबर तक और उसके बाद भी लगातार जारी रहेगा, ताकि लोगों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण भोजन मिल सके.

