संवाददाता,पटना विधानसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की ओर से इवीएम और वीवीपैट की तेजी से प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) की जा रही है. एफएलसी के दौरान सारण जिले की सभी इवीएम जांच में सही पायी गयी हैं. ऐसे में यहां पर मशीन की आवश्यकता नहीं होगी. साथ ही जिन जिलों में इवीएम में जांच के दौरान खराबी पायी जायेगी, वहां पर उनको रिप्लेस किया जायेगा. राज्य में वर्तमान में करीब एक लाख 25 हजार इवीएमजिलों के वेयरहाउस में हैं, जिनकी जांच की जा रही है. जानकारों का कहना है कि विधानसभा आम चुनाव 2020 में सिर्फ राज्य के 92 विधानसभा क्षेत्रों में दो-दो बैलेट यूनिट (बीयू) लगाने की आवश्यकता पड़ी थी. राज्य में 243 विधानसभा क्षेत्र हैं. शेष विधानसभा क्षेत्रों में सिर्फ एक-एक बैलेट यूनिट से ही चुनाव कराया गया था. जिन विधानसभा क्षेत्रों में नाम वापसी के बाद वैध प्रत्याशियों की संख्या 15 से अधिक होती है, वहां पर दो-दो बीयू की आवश्यकता होती है. वेयरहाउस में रखे गये दो प्रतिशत इवीएम पर पांच सौ मॉक पोल कार्य किया जाता है. इस दौरान इस कार्य में लगे अधिकारी, कोषांग कर्मी, इसीआइएल इंजीनियर और मास्टर ट्रेनर और बाहरी नोडल पदाधिकारियों के अलावा सभी मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में जांच करायी जाती है. इसके बाद ओके इवीएम की जांच पूर्ण होने पर जिला के जिलाधिकारी चुनाव आयोग के एसओपी का अनुपालन करते हुए वेयरहाउस को सील करने का आदेश देते हैं. किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को कैंपस में प्रवेश की इजाजत नहीं होती है. वहां पर रोस्टर के अनुसार 24 घंटे अनिवार्य संतरी की ड्यूटी लगा दी जाती है और लॉग बुक का विधिवत संधारण किया जाता है. भारत निर्वाचन आयोग के दिशा- निर्देश के अनुसार इवीएम और वीवी पैट बिल्डिंग के हर फ्लोर को डबल लॉक में सील किया जाता है. ताले को भी चपड़ा व जिला निर्वाचन पदाधिकारी की सील से मुहरबंद किया जाता है और संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करायी जाती है.
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