पटना. राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर बिहार के विरासत (हेरिटेज) वृक्षों के संरक्षण करने का निर्देश दिया है. बिहार के विरासत में सभी प्रकार के 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले पुराने वृक्षों को शामिल किया गया है. मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से अनुरोध किया है कि बिहार हेरिटेज ट्री एप के माध्यम से राज्य के विरासत वृक्षों से संबंधित सूचनाएं एकत्रित करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये. साथ ही उन वृक्षों के संरक्षण के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाये.
डीएफओ बनाये गये नोडल पदाधिकारी
सभी डीएम को निर्देश दिया गया है कि विरासत वृक्षों को चिह्नित करने के बाद उनके संरक्षण की योजना जिला स्तर पर बना कर उस पर काम कराया जा सकता है. इस काम में स्थानीय वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) से सहायता ली जा सकती है. डीएफओ को जैव विविधता अधिनियम के तहत नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. विरासत वृक्षों के संरक्षण के लिए बिहार हेरिटेज ट्री एप के माध्यम से बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद द्वारा एक डाटा बेस तैयार किया जा रहा है.
इसमें जनप्रतिनिधि, छात्र, शिक्षक, किसान, पदाधिकारी, कर्मचारी, जैव विविधता प्रबंधन समिति के सदस्य सहित सभी लोग भाग ले सकते हैं. इन सभी को जैव विविधता के लिए प्रेरित किया जाये. साथ ही बिहार हेरिटेज ट्री एप के माध्यम से 50 वर्षों से अधिक पुराने वृक्षों की सूचनाएं बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद के पोर्टल पर अपलोड की जा सकती है. एप को htpp/biharherita- getree.in वेब सहित प्ले स्टोर से भी डाउनलोड किया जा है.
50 वर्ष से ज्यादा पुराने वृक्ष विरासत माने गये
बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद के अध्यक्ष डीके शुक्ला ने बताया कि वृक्षों के महत्व को समझना होगा. 50 वर्ष से ज्यादा पुराने वृक्ष को बिहार का विरासत मान लिया गया है. उन्हें संरक्षण करने लिए मुख्य सचिव का कदम सराहनीय है. वृक्ष को बचा कर हमलोग पर्यावरण संरक्षक के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा सकते हैं. राज्य में पंचायत, प्रखंड, जिला, नगर निकाय स्तर गठित समिति के अध्यक्ष और सदस्य भी अहम भूमिका निभायेंगे.
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