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बिहार में नदियों की स्वच्छता के लिए करना होगा इंतजार, दस फीसदी गंदे पानी को भी नहीं किया जा रहा ट्रीट

गंगा नदी की मुख्य धारा वाले 23 शहरों में 28 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की योजना तैयार की गयी है. इनमें से 17 शहरों में 598 एमएलडी क्षमता की 22 एसटीपी प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है.

सुमित कुमार, पटना. बिहार के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के घरों से हर दिन अनुमानित करीब 1100 एमएलडी (मेगालीटर्स प्रतिदिन) सीवेज यानी नाले का गंदा पानी निकलता है. लेकिन, सीवरेज नेटवर्क और ट्रीटमेंट प्लांटों के माध्यम से अब तक मात्र 234 एमएलडी गंदे पानी के ट्रीटमेंट यानी सफाई करने की सुविधा ही विकसित हो पायी है. इतना ही नहीं, फिलहाल विकसित क्षमता का भी मात्र 46 फीसदी यानी मात्र 104.73 एमएलडी गंदा पानी ही साफ हो पा रहा है. अब भी 995.27 एमएलडी यानी कुल क्षमता का 90 फीसदी से अधिक गंदा पानी बिना ट्रीटमेंट के विभिन्न नदियों में प्रवाहित हो जा रहा है. यह जानकारी बिहार सरकार की तरफ से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को दी गयी है.

1470 एमएलडी क्षमता की एसटीपी पर चल रहा काम, 234 पूरा

एनजीटी को दी गयी रिपोर्ट के मुताबिक कुल 1470 एमएलडी सीवेज की ट्रीटमेंट क्षमता के एसटीपी निर्माण पर काम चल रहा है. इसमें 234.5 एमएलडी क्षमता की एसटीपी स्थापित कर ली गयी है, जबकि 477.5 एमएलडी क्षमता की एसटीपी निर्माणाधीन है. इसके साथ ही 116.60 एमएलडी क्षमता टेंडर स्टेज, 404 एमएलडी क्षमता अप्रूवल स्टेज और 238 एमएलडी क्षमता के एसटीपी डीपीआर स्टेज में हैं.

गंगा की मुख्य धारा वाले 23 शहरों में 28 एसटीपी की योजनाएं, पर सात ही पूरी

गंगा नदी की मुख्य धारा वाले 23 शहरों में 28 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की योजना तैयार की गयी है. इनमें से 17 शहरों में 598 एमएलडी क्षमता की 22 एसटीपी प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है. इसमें भी 224.5 एमएलडी क्षमता की सात एसटीपी ही पूर्ण हो सकी है और वर्तमान में चालू है. 352.5 एमएलडी क्षमता की 12 एसटीपी निर्माणाधीन है, जबकि नौ एमएलडी क्षमता की एक एसटीपी का निर्माण पूरा होने के बाद उसका ट्रायल चल रहा है. 20.5 एमएलडी क्षमता की दो एसटीपी संशोधित मंजूरी के तहत प्रक्रियाधीन है. इसके अलावा तीन गंगा शहर मनिहारी, तेघड़ा और दिघवारा में 68 केएलडी क्षमता की तीन फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट की मंजूरी के लिए डीपीआर बना कर एनएमसीजी को भेजा गया है. जमालपुर एसटीपी की डीपीआर ही तैयार हो रही है.

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बिहार में स्वीकृत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों की स्थिति

  • पूर्ण व ऑपरेशनल एसटीपी : बेऊर, करमलीचक, सैदपुर, बाढ़, पहाड़ी, सोनपुर और सुल्तानगंज.

  • ट्रायल रन में : नवगछिया (जून 2023 से ऑपरेशन व मेंटेनेंस शुरू होने की संभावना).

  • निर्माणाधीन एसटीपी व सीवरेज नेटवर्क : दीघा व कंकड़बाग (दिसंबर 2024 तक पूर्ण होने की संभावना), मोकामा, बख्तियारपुर और छपरा (जून 2023 तक संभावित), बेगूसराय (सितंबर 2023 तक संभावित), दानापुर, मनेर, फतुहा, हाजीपुर और मुंगेर (दिसंबर 2023 तक संभावित), भागलपुर (जून 2024 तक संभावित).

  • टेंडर प्रक्रिया में : बक्सर, कहलगांव और बड़हिया.

  • प्रशासनिक व व्यय स्वीकृति इंतजार में : मनिहारी, तेघड़ा, दिघवारा (एनएमसीजी को डीपीआर भेजी गयी) और जमालपुर की डीपीआर निर्माणाधीन.

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