Crime Story: पटना में पुणे के स्क्रैप कारोबारी 55 वर्षीय लक्ष्मण साधु शिंदे की हत्या की कहानी जितनी खौफनाक है, उतनी ही सुनियोजित भी. एक ऐसे गिरोह ने इस वारदात को अंजाम दिया है, जो पिछले तीन महीनों में देशभर के व्यापारियों को फर्जी डील के बहाने पटना बुलाकर अगवा कर चुका है. अब तक सात व्यापारियों से कुल 1.60 करोड़ की फिरौती वसूली जा चुकी है. लक्ष्मण शिंदे के मामले ने पुलिस को इस गैंग की असलियत से रूबरू करवाया है.
कारोबार के नाम पर रची गई मौत की पटकथा
11 अप्रैल को लक्ष्मण साधु शिंदे स्क्रैप कारोबार के सिलसिले में पटना आए थे. उन्हें पटना एयरपोर्ट से ही अगवा कर लिया गया. योजना पहले से तय थी. गिरोह ने उन्हें कारोबार का झांसा दिया और जैसे ही वह पहुंचे, उनका अपहरण कर हिलसा ले जाया गया. वहां उन्हें मारपीट कर बंधक बनाकर रखा गया. गैंग के सदस्य मुन्ना, सुमित और कुंदन ने उनका एटीएम कार्ड छीना और पटना के दीदारगंज इलाके में जाकर दो बार में 40 हजार रुपये निकाले. उनके खाते में 12 लाख रुपये थे, लेकिन पिन भूल जाने के कारण बाकी रकम नहीं निकाल सके. इसी बीच मारपीट के दौरान लक्ष्मण की मौत हो गई.
गैंग की परतें खुलने लगीं
पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह इससे पहले गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र और कर्नाटक के सात कारोबारियों को इसी तरह ठग चुका है. पहले व्यापार का लालच दिया जाता, फिर उन्हें पटना बुलाकर किडनैप किया जाता और मोटी फिरौती वसूली जाती. इसी रकम से गिरोह ने आई-20, स्कॉर्पियो और बुलेट बाइक खरीदी थी.
अब तक 8 गिरफ्तार, कई फरार
अब तक पुलिस और एसटीएफ की टीम ने रंजीत पटेल उर्फ मुन्ना सहित 8 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरोह के अन्य सदस्य विजय, सिंटू, अमन और मंगल अब भी फरार हैं. गिरफ्तार आरोपियों में कुछ महिलाएं भी शामिल हैं, जो पूरी योजना में अहम भूमिका निभा रही थीं.
इंसाफ की उम्मीद
लक्ष्मण शिंदे की हत्या ने उनके परिवार को तोड़ कर रख दिया है. परिजन इंसाफ की मांग कर रहे हैं. पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर गैंग की पूरी कहानी उजागर की जाएगी. पटना की यह घटना भरोसे और इंसानियत दोनों पर एक बड़ा सवाल छोड़ गई है.