संवाददाता, पटना दिव्यांग कोटे से एसएससी की परीक्षा फर्जी तरीके से पास कराने वाले गिरोह के कनेक्शन बिहार से जुडो हैं. यूपी एसटीएफ ने नोएडा से इस गिरोह के छह परीक्षा माफियाओं और तीन अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया था. पकड़े गये लोगों में वैशाली का विराट कुमार, इंदौर का सागर पांडेय व चेतन शर्मा, यूपी के चंदौली के दुर्गेश कुमार, एमपी के मंदसौर के बसंती लाल, यूपी के मिर्जापुर का जय प्रकाश मौर्य, झांसी का श्रवण कुमार व शरद यादव और बेगूसराय के अमित कुमार को गिरफ्तार किया था. शरद, अमित व श्रवण दिव्यांग कोटे से एसएससी सीजीएल की परीक्षा का अभ्यर्थी था. इसमें सागर पांडेय गिरोह का सरगना है और वैशाली का विराज सहयोगी है. सबसे पहले अमित को परीक्षा केंद्र के बाहर पकड़ा गया और फिर अन्य की गिरफ्तारी की गयी. अमित के पास से पीएच सर्टिफिकेट नकली मिलने के बाद इस गोरखधंधे का भंडाफोड़ हुआ. इसके बाद अमित ने पूछताछ में यह बताया कि उसने जयप्रकाश की मदद से 35 हजार में पीएच सर्टिफिकेट बनवाया था. अमित की नौकरी जूनियर ज्यूडिसियल असिस्टेंट के रूप में हो चुकी है और दिल्ली के एक कोर्ट में ज्वाइन भी कर चुका है. यूपी एसटीएफ की जांच में इस पूरे सेटिंग में सागर पांडेय व विराट की भूमिका महत्वपूर्ण पायी गयी है. ये लोग बड़े-बड़े कॉलेज में एडमिशन कराने का भी गोरखधंधा करते हैं. बताया जाता है कि यूपी एसटीएफ ने वैशाली पुलिस से विराट के संबंध में जानकारी मांगी है. यूपी एसटीएफ को कई और ऐसे लोगों के नाम मिले हैं जो इस गिरोह से जुड़े हुए हैं और पटना, वैशाली और बेगूसराय के रहने वाले हैं.
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