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लोजपा में फूट के बाद पशुपति पारस के आवास पहुंचे चिराग, आधे घंटे बाद मिली चाचा के घर में एंट्री, जानिए क्या है सियासी मायने

लोजपा में रविवार देर शाम बड़ी फूट हुई और पार्टी के सभी सांसदों ने चिराग पासवान को किनारे कर पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया है. रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा में यह सबसे बड़ी फूट हुई है और अब लोजपा पूरी तरह लड़खड़ा चुकी है. वहीं लोजपा के चार सांसदों ने रामविलास पासवान के भाई और हाजीपुर सांसद पशुपति कुमार पारस को अपना नेता मान लिया है. इस बीच चिराग ने बागी सांसदों को मनाने की कोशिश देर रात तक की लेकिन बात नहीं बनी. अब सोमवार सुबह वो खुद अपने चाचा पशुपति कुमार पारस से मिलने उनके दिल्ली स्थित आवास पहुंचे हैं.

लोजपा में रविवार देर शाम बड़ी फूट हुई और पार्टी के सभी सांसदों ने चिराग पासवान को किनारे कर पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया है. रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा में यह सबसे बड़ी फूट हुई है और अब लोजपा पूरी तरह लड़खड़ा चुकी है. वहीं लोजपा के चार सांसदों ने रामविलास पासवान के भाई और हाजीपुर सांसद पशुपति कुमार पारस को अपना नेता मान लिया है. इस बीच चिराग ने बागी सांसदों को मनाने की कोशिश देर रात तक की लेकिन बात नहीं बनी. अब सोमवार सुबह वो खुद अपने चाचा पशुपति कुमार पारस से मिलने दिल्ली स्थित उनके आवास पहुंचे हैं.

चिराग पासवान सोमवार को पशुपति कुमार पारस के आवास पर पहुंचे. इस दौरान वो खुद अपनी गाड़ी चला रहे थे. चिराग वहां पहुंचने के बाद करीब 15 मिनट के इंतजार के बाद आवास कैंपस में तो पहुंचे लेकिन घर के अंदर प्रवेश नहीं किया है. वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पशुपति कुमार पारस के घर में मौजूद नहीं होने की जानकारी मिल रही है. बता दें कि चिराग जब अपने चाचा के घर पहुंचे तो हर बार की तरह इस बार उनकी एंट्री आसानी से नहीं हुई. करीब 15 मिनट के इंतजार के बाद ही उन्हें मुख्य द्वार में एंट्री दी गई. लेकिन अंदर जाकर भी वो गाड़ी में ही बैठे रह गए हैं. करीब आधे घंटे के बाद चिराग को घर में एंट्री मिली. इस दौरान उन्होंने मीडिया को किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया.

बता दें कि चिराग जिस तरह पार्टी को चला रहे थे उनके तरीके को लेकर दल में कई नेता नाराज थे.पशुपति कुमार पारस समेत अन्य सांसदों ने आखिरकार चिराग से खुद को अलग करना उचित समझा. पार्टी के पांच सांसद अलग हुए और चिराग को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. पशुपति पारस ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वो सभी सांसद लोजपा में ही रहेंगे और पार्टी उसी तरीके से चलेगी जैसा रामविलास पासवान चाहते थे. उन्होंने बताया कि मजबूरन ये फैसला उठाना पड़ा.


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बता दें कि चारो बागी सांसदों ने पशुपति कुमार पारस को संसदीय दल का नेता मान लिया है. अभी तक चिराग इस पद पर आसीन थे. वहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से चिराग को हटाने के बाद अब इसपर भी मंथन चल रहा है कि किसे ये जिम्मेदारी दी जाएगी. हालांकि आज चुनाव आयोग को इस मामले से जुड़ी जानकारी दी जाएगी और लोजपा के नेतृत्व को लेकर भी बात होगी.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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