संवाददाता, पटना आय से अधिक संपत्ति के मामले जेल में बंद आइएएस संजीव हंस की जांच के क्रम में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) राज्य के सरकारी विभागों में टेंडर मैनेज के रैकेट का पता चला. इडी के अुनसार रिशुश्री सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से यह रैकेट चला रहा था.इडी ने यह खेल पकड़ा और सरकार को मुकदमा दर्ज के लिए पत्र लिखा. इसके बाद विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने प्राथमिकी दर्ज की है.इस प्राथमिकी में आइएएस अधिकारी संजीव हंस के अलावा रिलायबल इंफ्रा सर्विस प्रालि के रिशुश्री, कंपनी के कर्मी संतोष कुमार, मैत्रिस्वा इंफ्रा प्रालि के निदेशक तथा अन्य कुछ सरकारी पदाधिकारी व अज्ञात को शामिल किया गया है. संजीव हंस की मदद से रिशुश्री सरकारी टेंडर कर रहा था मैनेज रिशुश्री संजीव हंस की मदद से सरकारी टेंडर के मैनेज कर रहा था.जिस विभाग का टेंडर निकाला जाता था रिशुश्री उस विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की मदद से पहले ही उससे जुड़ी गोपनीय जानकारी हासिल कर लेता था.इसके बाद उस जानकारी के आधार पर वह खुद अपनी कंपनी या अपने नेटवर्क से जुड़ी कंपनी को वह टेंडर दिलवा देता था.इडी को जांच में यह प्रमाण मिला कि रिशुश्री संजीव हंस के लिए कंपनियों के बीच होने वाले लेनदेन में मध्यस्थ की भूमिका निभाता था. जांच में पाया गया कि रिशुश्री के करीब एक दर्जन अधिकारियों से नजदीकी संबंध हैं.
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