राज्य की दोनों वितरण कंपनियों का बिजली की आपूर्ति के दौरान लाइन में खराबी, चोरी और बिल न चुकाने से होने वाले नुकसान में 4.5 प्रतिशत की कमी आयी
एनबीपीडीसीएल की हानि 14.5 प्रतिशत और एसबीपीडीसीएल की 17 प्रतिशत तक सिमट गयी है. यह सुधार वितरण प्रणाली की मजबूती, पारदर्शी बिलिंग (यानी स्पष्ट और सटीक बिजली बिल), समय पर कनेक्शन, और उपभोक्ता शिकायतों के समाधान जैसे सुधार प्रयासों की बदौलत संभव हुआ है. बिजली मंत्रालय की ओर से जारी कंज़्यूमर सर्विस रेटिंग में उत्तर बिहार कंपनी को ‘ए प्लस’ और दक्षिण बिहार को ‘बी प्लस’ ग्रेड मिला है, जो इस बात का संकेत है कि सेवा में काफी सुधार हुआ है़ इसका वित्तीय असर यह है कि वर्ष 2024-25 में दोनों कंपनियों ने कुल 17,114 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली की, जो कि पिछले साल के 15,109 करोड़ रुपये की तुलना में करीब 13 प्रतिशत अधिक है़
20 साल में 43.65 % घटी एटीएंडसी हानि : ऊर्जा मंत्री (फोटो के साथ)
बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने इस उपलब्धि को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व का परिणाम बताया. उन्होंने कहा, “2004-05 में जब एटीएंडसी हानि 59.15% थी, आज वह घटकर 15.5% रह गई है़ यह पारदर्शिता, जवाबदेही और सुधार की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है़ हम हर घर और व्यवसाय तक भरोसेमंद बिजली पहुंचाने के लक्ष्य के और करीब पहुंचे हैं.”
—-इंसेट—— 15.5% एटीएंडसी हानि तक पहुंचना एक मिसाल : ऊर्जा सचिव (फोटो के साथ)ऊर्जा विभाग के सचिव एवं बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के प्रमुख पंकज पाल ने कहा, “ग्रामीण उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या के बावजूद 15.5% एटीएंडसी हानि तक पहुंचना एक मिसाल है. यह हमारी टीमों के मेहनती प्रयासों और उपभोक्ता को प्राथमिकता देने वाली सोच का परिणाम है. हमारा उद्देश्य भविष्य में भी गुणवत्तापूर्ण सेवा सुनिश्चित करना रहेगा”.
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