Bihar Tourist Spot: फैमिली या फिर फ्रेंड्स के साथ अगर आप वीकेंड्स एंजॉय करना चाहते हैं तो गयाजी जिले से सिर्फ 35 किलोमीटर दूर ऐसी कई जगहें हैं, जो बेहद शानदार हैं. आपके वीकेंड्स को यादगार भी बना सकता है. यहां 5 ऐसी जगहें हैं जहां आप घूमने के साथ-साथ पूजा-पाठ भी कर सकते हैं. ये जगहें बेस्ट पिकनिक स्पॉट की लिस्ट में शामिल हैं.
- गहलोर घाटी- यह करीब 30 किलोमीटर गयाजी जिले से दूर है. यह जगह गहलौर गांव के दशरथ मांझी की प्रेम कहानी की एक मिसाल है. जिस तरह शाहजहां ने अपनी बेगम के लिए ताजमहल बनवाया था, वैसे ही मांझी अपने हाथों से 22 सालों तक उस पहाड़ की चट्टानों को काटते रहे, जहां उनकी पत्नी की मौत हुई थी. यहां दशरथ मांझी का स्मारक स्थल और द्वार भी बनाया गया है, जो लोगों को खूब आकर्षित करती है.
- रबर डैम- गयाजी जिले में फल्गु नदी पर बना रबर डैम लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है. बिहार सरकार की पहल से अब फल्गु नदी में सालोंभर पानी रहता है. इससे स्नान, पिंडदान और तर्पण में लोगों को सुविधा होती है. रात में यहां का नजारा और भी मनोरम हो जाता है. रंग-बिरंगी लाइटें बेहद शानदार लगतीं हैं. बड़ी संख्या में लोग यहां घूमने के लिए पहुंचते भी हैं. इसके साथ ही यहां से कुछ ही दूरी पर विष्णुपद मंदिर भी है, जहां लोग पूजा कर सकते हैं.
- फ्लोरल बायो डाइवर्सिटी पार्क- यह पार्क अपनी हरियाली के कारण लोगों के बीच पसंदीदा जगह बना हुआ है. यह लगभग 64 हेक्टेयर में फैला हुआ है और गयाजी से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर है. पार्क में कई प्रकार के 250 से अधिक प्रजाति के दुर्लभ, विलुप्त और महंगे पौधे, औषधीय पौधे और फूलों के प्रजाति को संरक्षित किया गया है. पार्क की खूबसूरती लोगों को आकर्षित करती है. जगह-जगह लोगों के बैठने के लिए शेड और बच्चों के लिए खेलने को लेकर पार्क भी बनाए गए हैं.
- सीता कुंड- गयाजी का सीता कुंड बेहद फेमस है. यही वह जगह है जहां मां सीता ने राजा दशरथ का पिंडदान किया था. इस जगह पर न केवल सीता, बल्कि भगवान राम और लक्ष्मण ने भी यहां अपने चरण कमल रखे थे. हालांकि, बिहार के मुंगेर के साथ अन्य जगहों पर भी सीता कुंड हैं, लेकिन गयाजी स्थित सीता कुंड की अपनी एक अलग ही पहचान है. कहा जाता है कि यहां फल्गु नदी के किनारे रेत के नीचे गुप्त गंगा नदी बहती है. बड़ी संख्या में लोग यहां घूमने के लिए पहुंचते हैं.
- डुंगेश्वरी- डुंगेश्वरी पहाड़ी बौद्धिस्ट सर्किट के साथ हिंदु सर्किट से भी जुड़ा है. इस पहाड़ी की चोटी पर एक प्राचीन गुफा है, जिसमें एक मंदिर है. इस गुफा को महाकाल गुफा और प्राग बोधी गुफा भी कहा जाता है. बड़ी संख्या में यहां बौद्ध भिक्षुओं के साथ-साथ हिंदु समुदाय के लोग भी दर्शन और पूजा करने के लिए आते हैं. यह जगह गयाजी शहर से 12 किलोमीटर दूर है.
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