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Bihar Panchayat Election 2021: दो संकटों से मिली राहत तो दिसंबर तक संपन्न हो सकता है बिहार पंचायत चुनाव, जानें निर्वाचन आयोग की तैयारी

बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर चहलकदमी एकबार फिर तेज हो गयी है. राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. पहले इवीएम के विवाद और फिर कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर की चपेट में जब बिहार पूरी तरह से चला गया तो पंचायत चुनाव को टाल दिया गया. इस दौरान वर्तमान जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल भी जब पूरा हो गया तो गांव की सरकार चलाने के लिए फिलहाल परामर्शी समिति का गठन किया गया है जो गांवों का कामकाज देख रही है. वहीं अब चुनाव की तैयारी में भी आयोग जुट चुका है जिससे जल्द ही चुनाव संपन्न कराने की संभावना दिखने लगी है.

बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर चहलकदमी एकबार फिर तेज हो गयी है. राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. पहले इवीएम के विवाद और फिर कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर की चपेट में जब बिहार पूरी तरह से चला गया तो पंचायत चुनाव को टाल दिया गया. इस दौरान वर्तमान जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल भी जब पूरा हो गया तो गांव की सरकार चलाने के लिए फिलहाल परामर्शी समिति का गठन किया गया है जो गांवों का कामकाज देख रही है. वहीं अब चुनाव की तैयारी में भी आयोग जुट चुका है जिससे जल्द ही चुनाव संपन्न कराने की संभावना दिखने लगी है.

बिहार में तय समय के अंदर पंचायत चुनाव नहीं होने का सबसे बड़ा कारण ईवीएम सेलेक्सन का विवाद था. जो भारत निर्वाचन आयोग और बिहार के राज्य चुनाव आयोग के बीच छिड़ा था. इस मामले का विवाद इतना गहराया कि मामला हाइकोर्ट तक गया. काफी जद्दोजहद के बाद इवीएम के पेंच को सुलझा लिया गया था. लेकिन इस बीच कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर ने पूरे बिहार में अपनी पकड़ मजबूत बना ली. पूरे प्रदेश में त्राहिमाम था, जिसके कारण स्वभाविक तौर पर इसका आयोजन टला. अब जब प्रदेश में वायरस की ताकत कम हुई है और संक्रमण पर लगाम लगा है तो चुनाव आयोग ने चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है.

कोरोना के मामले घटने लगे तो हर साल की तरह इस साल भी बाढ़ ने दस्तक दे दी. बिहार के कई जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ वाले हालात बन गए है. चंपारण के कई गांवों में बाढ़ का पानी घर के अंदर घुसने लगा है वहीं निचले इलाके से लोगों को बाहर निकालने की कवायद तेज हो गई है. इस बीच चुनाव आयोग के लिए यह बड़ी समस्या बनी है. विस्थापितों को मतदान से वंचित नहीं किया जा सकता है जिसे ध्यान में रखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग बारिश व बाढ़ प्रभावित पंचायतों का कैलेंडर प्राप्त करने के लिए प्रयासतर है.

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दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर की संभावना भी बनी हुई है. अगले दो से तीन महीने में अगर बाढ़ और संक्रमण दोनों की मुश्किलें सामने नहीं रही तो चुनाव आयोग दिसंबर तक पंचायत चुनाव संपन्न करा सकता है. गांवों में फिलहाल परामर्शी समिती सरकार चला रही है. इससे जुड़े अध्यादेश की मियाद भी नवंबर में पूरी हो जाएगी. इसलिए भी आयोग इस दिशा में अब तेजी चाहता है.

बता दें कि आयोग इवीएम जुटाने की तैयारी में भी जुटा है. इस बार एम-2 मॉडल के इवीएम से मतदान कराये जाएंगे. लेकिन आयोग के पास जितने इवीएम उपलब्ध हैं वो पर्याप्त नहीं है. इसके लिए अन्य राज्यों से इवीएम मंगाने की तैयारी चल रही है. करीब 90 हजार कंट्रोल यूनिट और 90 हजार बैलेट यूनिट के जरिये इस चुनाव को संपन्न कराया जाएगा.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar Digital Desk
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