Bihar Congress: इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होना है. चुनाव को देखते हुए कांग्रेस कई बड़े फैसले ले रही है. कुछ दिनों पहले ही बिहार कांग्रेस के प्रभारी को बदला गया था. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष और अब अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) विभाग के अध्यक्ष पद पर शशि भूषण को नियुक्ति किया गया है. इससे पहले इस पद पर अनुराग थे. मंगलवार (13 मई, 2025) को इस संबंध में कांग्रेस की ओर से एक पत्र जारी किया गया है. हालांकि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में अभी भी अलग से ईबीसी विभाग नहीं है.
अपनी पहचान बढ़ाने को हो रहे नए-नए प्रयोग
साल 2005 से लागातार कांग्रेस पार्टी आरजेडी के साथ बिहार में चुनाव लड़ रही है. माना जाता है कि कांग्रेस का जनाधार बिहार में कम है और वह आरजेडी के भरोसे ही बिहार में चल रही है. अब ऐसे वक्त में जब बिहार में विधानसभा चुनाव होना है और कांग्रेस जिस तरह से बदलाव (बिहार में) कर रही है इसको प्रदेश में प्रयोग के तौर पर ही देखा जा रहा है. हालांकि यह तो साफ है कि जनाधार बढ़ाने के लिए कांग्रेस इस तरह के कदम उठा रही है.
पदों की अदला-बदली में जाति का रखा जा रहा ध्यान
बता दें कि कांग्रेस ने इस बार से सभी घरों पर झंडा लगाने के साथ-साथ घर-घर संवाद का भी कार्यक्रम किया. कन्हैया कुमार को आगे बढ़ाया गया है. पहले ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा की शुरुआत की गई और अब ‘न्याय संवाद यात्रा’ की शुरुआत कन्हैया करने जा रहे हैं. कुल मिलाकर जनता के बीच सीधा संपर्क स्थापित करने के लिए कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव के पहले अपना हर प्रयोग करना चाह रही है. यही वजह है कि जाति के आधार पर भी पदों पर अदला-बदली की जा रही है.
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अपनी पहचान बनाने में जुटी कांग्रेस
हालांकि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ेगी. बावजूद इसके वह अपनी पहचान बनाने के लिए जोर-शोर से जुट गई है. भले कांग्रेस की ओर से बेहतर करने के लिए यह सारे प्रयास किए जा रहे हों लेकिन सियासी गलियारे में कयास यह भी लगाया जा रहा है कि यह सब कुछ सीटों के लिए प्रेशर बने इसलिए किया जा रहा है. बता दें कि कांग्रेस 70 से अधिक सीटों की मांग कर रही है.
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