BPSC Teacher News: बिहार के शिक्षा विभाग में इन दिनों एक से बढ़कर एक अजब-गजब मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला अररिया जिले का है, जहां शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) पास किए बिना ही एक अभ्यर्थी उच्च माध्यमिक विद्यालय में फिजिक्स का शिक्षक बन बैठा. हैरत की बात यह है कि उसने बाकायदा नियुक्ति पत्र भी प्राप्त किया और विद्यालय में योगदान भी दे दिया.
कैसे हुआ खुलासा?
जांच के दौरान शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया गया. इसी दौरान यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि शिक्षक के रूप में योगदान देने वाले शैलेश मिश्रा ने STET-2023 में केवल 74 अंक हासिल किए थे और प्रमाणपत्र पर साफ लिखा था- “Not Qualified”. इसके बावजूद उन्हें बीपीएससी टीआरई-2 की भर्ती प्रक्रिया में चयनित कर नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया.
DEO ने की कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए अररिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) संजय कुमार ने तुरंत प्रभाव से शैलेश मिश्रा की सेवा समाप्त कर दी. वह कुर्साकांटा प्रखंड स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय चिकनी में 11वीं-12वीं के लिए भौतिकी शिक्षक के रूप में योगदान दे चुके थे. डीईओ ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए साफ कहा कि नियुक्ति में घोर लापरवाही और गलत प्रमाणपत्र के आधार पर योगदान को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
अभ्यर्थी ने खुद स्वीकार की गलती
डीपीओ द्वारा जब शैलेश मिश्रा से स्पष्टीकरण मांगा गया तो उन्होंने स्वीकार कर लिया कि विज्ञापन संख्या 27/2023 और विभागीय अधिसूचना के आलोक में वह न्यूनतम पात्रता अंक प्राप्त नहीं कर सके थे. यानी खुद ही उन्होंने स्वीकार किया कि वे शिक्षक बनने की निर्धारित पात्रता पूरी नहीं करते. हालांकि, शिक्षा विभाग ने इस एक मामले में कार्रवाई कर दी है.

