पटना : बिहार में पूर्व मंत्री की बेटी के यौनशोषण कांड का मुख्य आरोपित और ऑटो मोबाइल्स कारोबारी निखिल प्रियदर्शी को पटना पुलिस की विशेष जांच टीम ने उतराखंड से पटना लाने के बाद बेऊर जेल भेज दिया. निखिल के साथ उसके पिता रिटायर्ड आइएएस अधिकारी कृष्ण बिहारी सिन्हा को कोर्ट में पेशी के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इससे पूर्व मंगलवार की सुबह दोनों को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया था. पटना पुलिस की सूचना पर उत्तराखंड पुलिस ने पौड़ी गढ़वाल के लक्ष्मण झूला इलाके के एक रेस्ट हाउस से उसे और उसके पिता को गिरफ्तार किया था.
उत्तराखंड में हुए थे गिरफ्तार
जानकारी के मुताबिक बाप-बेटे पुलिस की डर से भागते फिर रहे थे और एक सप्ताह पूर्व ही वे दोनों उक्त रेस्ट हाउस में पहुंचे थे. खास बात यह है कि उनलोगों के पास से एक ऑडी कार भी बरामद की गयी थी. इसी कार से निखिल प्रियदर्शी लगातार पुलिस को चकमा देकर अपना ठिकाना बदल रहा था. इन दोनों को सीआइडी की विशेष टीम के साथ ही पटना पुलिस की टीम भी खोज रही थी. इसके पहले निखिल के भाई मनीष सहित चार को पुलिस ने पटना एयरपोर्ट से पकड़ा गया था.
ढाई माह से निखिल की तलाश कर रही थी एसआइटी
पीड़िता ने इन दोनों के खिलाफ आठ मार्च को उसकी पहचान को सार्वजनिक करने का मामला बुद्धा कॉलोनी थाने में दर्ज कराया था. जबकि यौनशोषण का आरोप लगाते हुए 22 दिसंबर, 2016 को एससी-एसटी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. निखिल की तलाश करीब ढाई माह से एसआइटी कर रही थी. एसएसपी मनु महाराज ने दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि की थी और बताया था कि एक टीम पटना से वहां के लिए रवाना हो चुकी है और जल्द ही ट्रांजिट रिमांड पर लेकर लौट जायेगी. मालूम हो कि पटना के सगुना मोड़ इलाके में दो कंपनियों के चारपहिया वाहनों के शो रूम थे, लेकिन लोन नहीं चुकाने के कारण बैंकों ने हाल ही में दोनों शो रूम को सीज कर लिया है.