नयी दिल्ली :सुप्रीमकोर्ट नेसोमवार को 45 आपराधिक मामलों में सुनवाई का सामना कर रहे राजद नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ सेंट्रल जेल में स्थानान्तरित करने के विषय पर विचार किया और कहा कि यह ‘‘निष्पक्ष सुनवाई और गवाह संरक्षण की संकल्पना” के लिए परीक्षा वाला मामला है. न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ ने कहा, ‘‘यह ऐसा मामला है जो निष्पक्ष सुनवाई और गवाह संरक्षण की संकल्पना पर आपराधिक विधिशास्त्र की परीक्षा लेता है.” पीठ ने बिहार में लंबित सभी आपराधिक मामलों को दिल्ली लाने का भी समर्थन किया.
पीठ ने सुनवाईकल तक के लिए स्थगित की और वकीलों से मामलाेंतथा आरोपियाें को सीवान से दिल्ली स्थानान्तरित करने के बिंदु पर तैयार होकर आने को कहा. सुनवाई की शुरूआत के मौके पर शहाबुद्दीन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नाफडे ने कहा कि मई में मारे गये एक पत्रकार की पत्नी द्वारा दायर याचिका में उन्हें सिवान की जेल से बाहर स्थानान्तरित करने की मांग की गयी है. उन्होंने कहा कि याचिका राजनीतिक रूप से प्रेरित है और चूंकि केवल आरेाप लगे हैं, उन्हें स्थानान्तरित नहीं किया जाना चाहिए.
इस पर पीठ ने कहा कि निष्पक्ष सुनवाई की संकल्पना के लिए उन्हें सीवान जेल से बाहर स्थानान्तरित किया जा सकता है. नाफडे ने कहा कि उनके लिए यह अनुचित होगा क्याेंकि इससे वह लोगों से मिलने का अधिकार खो देंगे. पीठ ने कहा, हम यह नहीं कह रहे कि आपको किसी से मिलने का अधिकार नहीं है लेकिन हमें कहीं न कहीं संतुलन बैठाना होगा. वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं और एकमात्र आरोप यह है कि पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है.
नाफडे ने कहा, केवल आरोप हैं औरमेरे (शहाबुद्दीन) के खिलाफ एक भी नहीं है. सीबीआइ को जांच करने दीजिए कि 13 मई को जब एक पत्रकार की कथित हत्या हुई तो मैं हिरासत में था या नहीं. चूंकि मुझे खूंखार अपराधी घोषित कर दिया गया है और मीडिया ट्रायल का शिकार हूं, मुझे सीवान जेल से बाहर स्थानान्तरित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. सीबीआइ की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल पीएस नरसिंह ने अदालत में अपनी स्थिति रिपोर्ट सौंपी और कहा कि अगर मामलाें को दिल्ली स्थानान्तरित किया जाता है तो वह इसका स्वागत करेंगे.
चंद्राकेश्वर प्रसाद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि यह सटीक मामला है जिसमें आरोपी को निष्पक्ष सुनवाई और गवाहों के संरक्षण के लिए तिहाड जेल स्थानान्तरित किया जाना चाहिए. शहाबुद्दीन पर प्रसाद के तीन बेटों की हत्या का आरोप है.