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सरकारी भूमि उपयोग के लिए नीति घोषित
पटना : सरकार के सात निश्चयों में शामिल हर घर नल का जल योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए सरकारी भूमि उपयोग को लेकर नयी नीति घोषित हुई है. योजना के क्रियान्वयन के लिए इस्तेमाल होनेवाली सरकारी भूमि का हस्तांतरण का अधिकार डीएम को दिया गया है. डीएम द्वारा एनओसी दिया जायेगा. इसके […]
पटना : सरकार के सात निश्चयों में शामिल हर घर नल का जल योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए सरकारी भूमि उपयोग को लेकर नयी नीति घोषित हुई है. योजना के क्रियान्वयन के लिए इस्तेमाल होनेवाली सरकारी भूमि का हस्तांतरण का अधिकार डीएम को दिया गया है.
डीएम द्वारा एनओसी दिया जायेगा. इसके बाद उक्त भूमि पर काम हो पायेगा. राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने योजना के तहत होनेवाले काम में तेजी लाने के लिए नयी नीति बनायी है. इससे विभागीय स्तर पर होनेवाले भूमि हस्तांतरण में होनेवाले देरी से बचा जा सके. राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने सभी डीएम को सरकारी भूमि के हस्तांतरण का अधिकार सौंपा है. हर घर नल का जल योजना के तहत घर-घर नल का जल पहुंचाने पर पीएचइडी, पंचायती राज व नगर विकास व आवास विभाग को काम करना है.
नल से जल पहुंचाने के लिए ट्यूबवेल, पंप हाऊस का निर्माण, वाटर टावर आदि का निर्माण होना है. इसके लिए सरकारी जमीन की आवश्यकता है. हर घर नल का जल योजना के कार्यान्वयन हेतु डीएम द्वारा प्रदत्त अनापत्ति प्रमाण पत्र के आलोक में कार्य कराया जायेगा.
इससे विभागीय स्तर पर होनेवाले भूमि हस्तांतरण के विलंब से बचा जा सके. योजना के कार्यान्वयन हेतु सरकारी भूमि के स्वामित्व को यथावत रखते हुए मात्र पेयजल संरचनाओं के निर्माण हेतु भूमि का उपयोग करने की सहमति देने हेतु डीएम को अधिकृत किया गया है.
ग्रामीण इलाके में हर घर नल का जल के निश्चय की प्राप्ति के लिए यह आवश्यक है कि योजना के अंतर्गत बननेवाली संरचना ट्यूबवेल की स्स्थापना, पंप हाऊस का निर्माण, वाटर टावर, पाइप लाइन बिछाने आदि काम के लिए त्वरित तौर पर भूमि का उपलब्ध होना आवश्यक है.
फ्लोराइड ग्रस्त पांच सौ टोलों में जलापूर्ति योजनाओं पर कांट्रैक्टर द्वारा काम शुरूकिया गया है. कांट्रैक्टर द्वारा ट्यूबवेल, पंप हाऊस का निर्माण, वाटर टावर आदि के निर्माण के लिए जमीन तलाश की जा रही है.
इसके लिए संबंधित जिला में पीएचइडी विभाग के अधिकारी डीएम से संपर्क कर जमीन जुगाड़ के लिए आग्रह कर रहे हैं. फ्लोराइड प्रभावित नालंदा में 25, गया में 25, औरंगाबाद में पांच, रोहतास में 10, कैमूर में 15, नवादा में 20, भागलपुर में 50, बांका में 200, मुंगेर में 25, जमुई में 100 व शेखपुरा में 25 टोलों में पाइप के द्वारा घरों में पानी पहुंचेगा. जलापूर्ति योजनाओं पर लगभग 214 करोड़ खर्च होंगे. सरकार के सात निश्चयों में शामिल मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल पहुंचाना है. फ्लोराइडइ ग्रस्त टोले में काम करने के लिए विमल कंस्ट्रक्शन, आइएलएबीएन व एवियन इंटरसेल का चयन हुआ है.
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