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खुलासा ! पटना में सफाई ठप, कचरे में 120 करोड़
अनिकेत त्रिवेदी पटना : सफाई पर नगर निगम एक साल में लगभग 120 करोड़ रुपये खर्च करता है. यह राशि उसको आम लोगों के होल्डिंग टैक्स व सरकार से विभिन्न मदों में मिलती है. सफाई पर खर्च होने वाली यह राशि हर साल बढ़ती जा रही है, लेकिन ठीक इसके उलट शहर की सफाई व्यवस्था […]
अनिकेत त्रिवेदी
पटना : सफाई पर नगर निगम एक साल में लगभग 120 करोड़ रुपये खर्च करता है. यह राशि उसको आम लोगों के होल्डिंग टैक्स व सरकार से विभिन्न मदों में मिलती है. सफाई पर खर्च होने वाली यह राशि हर साल बढ़ती जा रही है, लेकिन ठीक इसके उलट शहर की सफाई व्यवस्था किसी भी मानदंड पर खरा नहीं उतर पा रही. हालात यह है कि करोड़ों की राशि मिलने के बावजूद निगम लगातार फेल हो रहा है.
हर बार मेयर व आयुक्त का रटा-रटाया जवाब होता है कि हम कोशिश कर रहे हैं. लेकिन, बड़े त्योहार व आयोजनों से लेकर जलजमाव व शहर की सफाई में यह हमेशा फेल होता है. खास कर बड़े मौकों पर इसकी व्यवस्था चरमरा जाती है.
निगम को 14वें वित्त आयोग से 24.98 करोड़ की राशि मिली है. इसे होल्डिंग टैक्स व अन्य बंदोबस्ती से 35 करोड़ की राशि मिलती है. नगर विकास व आवास विभाग भी अन्य विकास मद में राशि देती है. इसके अलावा पहले से ठोस कचरा प्रबंधन के तहत नगर निगम के पास राशि 20 करोड़ से अधिक राशि पड़ी है. वहीं, निगम का अपना बजट भी है.
ऐसे होता है सफाई पर 120 करोड़ का खर्चा : सफाई की राशि का बड़ा हिस्सा (करीब 87 करोड़ रुपये) निगम सफाई में लगे स्थायी कर्मियों के वेतन व पेंशन पर प्रति वर्ष खर्च करता है. इसमें दैनिक मजदूरों के अलावा इंधन व गाड़ी भाड़ा पर खर्च किये जाते हैं. सफार्इ के अन्य मद में 30 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. इसके अलावा 12 वार्डों में चल रहे डोर-टू-डोर और रात्रि सफाई पर भी 3.60 करोड़ के लगभग राशि खर्च होते हैं. कुल मिला कर सफाई पर 120 करोड़ खर्च होते हैं.
मॉनीटरिंग व्यवस्था फेल : सफाई को लेकर निगम की मॉनीटरिंग व्यवस्था पूरी तरह फेल है. नये आयुक्त के आते ही नयी व्यवस्था लागू होती है, जो उनके तबादले के साथ ही फेल हो जाती है. अब तक आइवीआरएस (इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम), हर दो घंटे पर रिपोर्टिंग सिस्टम व एप मॉनीटरिंग सिस्टम सहित कई व्यवस्था लांच की गयी, लेकिन मौजूदा स्थिति में सभी बंद पड़ी हुई है. सफाई निरीक्षकों की रिपोर्ट पर ही सफाई की समीक्षा होती है.
बढ़ाते रहे मजदूर, लेकिन नहीं सुधरी स्थिति : नगर निगम में सफाई के लिए मजदूरों की संख्या 2790 से अधिक है. इसमें नूतन राजधानी अंचल में दैनिक मजदूर की संख्या 1046, कंकड़बाग अंचल में 335, बांकीपुर में 375 और पटना सिटी अंचल में 645 है. निगम के जल पर्षद में 230 कर्मी है. इसके अलावा निगम में रात्री सफाई को लेकर 150 है. 12 अंचलों में आधी- अधूरी डोर-टू-डोर योजना में 240 मजदूर लगे हैं.
सीधा सवाल मेयर अफजल इमाम
– सफाई से कितना संतुष्ट हैं ?
हम सफाई से संतुष्ट नहीं हैं.
– आप छह साल से हैं, फिर भी आपने कुछ नहीं किया ?
मेरे हाथ में सब कुछ नहीं है. सिस्टम ऐसा है कि कई चीजें पास करने के बाद भी जमीन पर नहीं उतर पाती.
– लोगों के होल्डिंग टैक्स व सरकार के अनुदान का दुरुपयोग हो रहा है ?
ऐसा नहीं है. हम लोग दिन-प्रतिदिन बेहतर कर रहे हैं. कोशिश आगे और बेहतर करने की होगी.
– इसके लिए किसको जिम्मेवार मानते हैं ?
कुछ सिस्टम, कुछ सरकार का ध्यान न देना. कुछ अपनी लापरवाही है.
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