पटना : नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद विधायक राजबल्लभ यादव को पटना हाइकोर्ट से कुछ राहत मिली है. हाइकोर्ट ने सोमवार को मामले में सुनवाई करते हुए राजबल्लभ यादव के खिलाफ निचली अदालत की तरफ से गठित आरोपों को रद्द कर दिया. न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी की एकलपीठ ने राजबल्लभ की याचिका पर सुनवाई करते हुए पुनः नवादा के निचली अदालत को भेजा है. जानकारी के मुताबिक वहां सभी पक्षों को सुनने के बाद दोबारा आरोप गठित किया जायेगा. इस मामले में छह जून 2016 को नवादा के कोर्ट में राजबल्लभ यादव के खिलाफ आरोप गठित कर दिया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पटना हाइकोर्ट में इस आधार पर चुनौती दी गयी थी कि पुलिस ने जिस दिन राजबल्लभ के खिलाफ चार्जशीट फाइल किया, कोर्ट ने उसी दिन बिना राजबल्लभ को मौका दिया आरोप गठित कर दिया, जो सही नहीं है. उसके बाद पटना हाइकोर्ट ने नवादा कोर्ट द्वारा गठित सभी आरोपों को रद्द कर दिया और सभी रिकॉर्डों और सबूतों को सुनने के बाद फिर से आरोप गठित करने का निर्देश दे दिया है. कोर्ट ने इस पूरे मामले को एक वर्ष में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया है. नवादा विधायक नाबालिग से जबरन दुष्कर्म मामले में जेल में बंद हैं.