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पौने छह लाख के जाली नोट जब्त

* सिपारा में सात तस्कर पकड़ायेपटना : बेऊर थाने के सिपारा में पुलिस टीम ने जाली नोटों के रैकेट का परदाफाश किया है. इस मामले में सात तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. इनसे 5 लाख 72 हजार रुपये के जाली नोट, एक मोटरसाइकिल, छह मोबाइल फोन व दो एयर बैग बरामद किये गये हैं. […]

* सिपारा में सात तस्कर पकड़ाये
पटना : बेऊर थाने के सिपारा में पुलिस टीम ने जाली नोटों के रैकेट का परदाफाश किया है. इस मामले में सात तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. इनसे 5 लाख 72 हजार रुपये के जाली नोट, एक मोटरसाइकिल, छह मोबाइल फोन व दो एयर बैग बरामद किये गये हैं.

गिरफ्तार तस्करों में सनाउल शेख (वोस्टम नगर, मालदह, पश्चिम बंगाल), महमूद आलम (फुलवारीशरीफ नया टोला), मो. सदरुद्धिन उर्फ नन्हें (चित्रसेनपुर, मुफसिल, भोजपुर), रण विजय कुमार (झांईचक परसा बाजार), गुड्डु कुमार (गरहणी रतनार, अगिआंव, भोजपुर), प्रेम प्रकाश कुमार उर्फ मंटु (बाला बिगहा, हसपुरा, औरंगाबाद) एवं दिनेश सरकार (सुपारा, वोस्टम नगर, मालदह, पश्चिम बंगाल) शामिल है.

गिरफ्तार आरोपियों का पूर्व में भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पश्चिम बंगाल से सनाउल शेख एवं दिनेश सरकार नोटों की खेप लेकर पटना पहुंचे थे. इन नोटों को यहां के लोगों को डिलीवरी देनी थी. उन्होंने बताया कि सरगना पश्चिम बंगाल का है और उसे पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है.

* कैसे पकड़े गये
एसएसपी मनु महाराज को सूचना मिली कि सिपारा में जाली नोटों की डीलिंग होनेवाली है. इस सूचना पर सिटी एसपी जयंत कांत के नेतृत्व में बेऊर थानाध्यक्ष मुखलाल पासवान की टीम ने सिपारा इलाके की घेराबंदी की और मौके से सात तस्करों को पकड़ लिया.

* सीमा पार से आ रहे जाली नोट
पकड़े गये नोट तस्करों से पुलिस को जानकारी मिली है कि उक्त जाली नोट पाकिस्तान-बांग्लादेश सीमा से देश के पश्चिम बंगाल राज्य से मालदह जिला होते हुए बिहार एवं अन्य प्रांतों में भेजे जा रहे हैं. जाली नोटों को पाकिस्तान-बांग्लादेश की सीमा से पश्चिम बंगाल में प्रवेश कराने में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. इनसे यह भी जानकारी मिली है कि ये लोग अब तक 14 लाख रुपये से अधिक का जाली नोट बाजार में भेज चुके हैं.

* कैसे काम करता है गिरोह
सीमा से पश्चिम बंगाल में जाली नोटों की खेप आने के बाद उसे देश के कोने-कोने में भेजने का काम शुरू होता है. ट्रेन से गिरोह के सदस्य हरेक राज्य में पहुंचते हैं और वहां के रिसीवर को जाली नोटों की खेप उपलब्ध करा देते हैं. नोटों को खपाने के बाद मूल रकम का 30 फीसदी पैसा पश्चिम बंगाल के सरगना के एकाउंट में जमा होता है.

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