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पटना उच्च न्यायालय का मूल वास्तु डिजाइन गायब

पटना : पटना उच्च न्यायालय का 100 साल पुराना मूल वास्तु डिजाइन गायब हो गया है. यह डिजाइन इलाहाबाद उच्च न्यायालय की इमारत की योजना से प्रेरित था. पैलाडियन डिजाइन पर आधारित नियो क्लासिकल शैली में बनी इस शानदार इमारत का उद्घाटन एक रंगारंग समारोह में तीन फरवरी, 1916 को किया गया था. साल भर […]

पटना : पटना उच्च न्यायालय का 100 साल पुराना मूल वास्तु डिजाइन गायब हो गया है. यह डिजाइन इलाहाबाद उच्च न्यायालय की इमारत की योजना से प्रेरित था. पैलाडियन डिजाइन पर आधारित नियो क्लासिकल शैली में बनी इस शानदार इमारत का उद्घाटन एक रंगारंग समारोह में तीन फरवरी, 1916 को किया गया था. साल भर से इस न्यायिक संस्थान का शताब्दी समारोह मनाया जा रहा था. कल यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसके समापन समारोह में शामिल हुए. 18 अप्रैल, 2015 को शताब्दी समारोह की शुरुआत के मौके पर अदालत की पुरानी दुर्लभ तस्वीरें जारी की गयी थीं. इन तस्वीरों में इमारत की आधारशिला रखने की तस्वीरें शामिल थीं. लेकिन उनमें इमारत की वास्तु योजना के रिकार्ड की कोई भी तस्वीर नहीं थी.

पटना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल विनोद कुमार सिन्हा ने पीटीआई-भाषा से कहा कि हां यह शताब्दी समारोह का समय है और हम चाहते थे कि लोग इस संस्थान के गौरवपूर्ण इतिहास के बारे में जानें लेकिन दुख की बात है कि हम अदालत की इमारत की मूल योजना का पता नहीं कर पाये. शताब्दी समारोह समिति ने अदालत के ऐतिहासिक 100 सालों के सफर पर आधारित एक डॉक्यूमेंटरी का निर्माण भी कराया.

डॉक्यूमेंटरी का निर्देशन करने वाले स्थानीय फिल्मकार राजेश भूषण ने कहा कि सब ने इमारत के मूल डिजाइन का पता लगाने के लिए ‘एडी चोट का जोर लगाया’ लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी. उन्होंने कहा, ‘‘यह फिल्म करीब 20 मिनट की है और अदालत की स्थापना, इमारत का वास्तु और इतिहास की किताबों में बंद ऐतिहासिक मामलों सहित उसकी कहानी बयां करती है.” शहर के ऐतिहासिक बेली रोड पर स्थित इस ऐतिहासिक इमारत को जे एफ मुनिंग्स ने डिजाइन किया था जिसमें ए एम मिलवुड ने उनकी मदद की थी। इसे मार्टिन एंड कंपनी ने बनाया था जिसके मालिक सर आर एन मुखर्जी 1916 में हुए उद्घाटन समारोह में शामिल भी हुए थे.

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