20.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिहार चुनाव : पढ़िए दूसरे चरण में कौन से कद्दावर नेताओं की किस्मत दांव पर

इमामगंज / पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में जहां राजनीतिक दलों के कई शीर्ष नेता मैदान में नहीं हैं, वहीं मध्य बिहार के इमामगंज निर्वाचन क्षेत्र में दो कद्दावर महादलित नेताओं के बीच दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है. मुख्यमंत्री बनने और इस पद से हटाये जाने के बाद महादलितों के बीच अपनी व्यापक लोकप्रियता […]

इमामगंज / पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में जहां राजनीतिक दलों के कई शीर्ष नेता मैदान में नहीं हैं, वहीं मध्य बिहार के इमामगंज निर्वाचन क्षेत्र में दो कद्दावर महादलित नेताओं के बीच दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है. मुख्यमंत्री बनने और इस पद से हटाये जाने के बाद महादलितों के बीच अपनी व्यापक लोकप्रियता के साथ जीतन राम मांझी ने इमामगंज निर्वाचन क्षेत्र में जदयू के नेता और निर्वतमान विधानसभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के खिलाफ मैदान में उतरने का निर्णय कर अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगायी है.

दो महादलित नेता आमने-सामने

गौरतलब हो कि चौधरी इस सुरक्षित सीट से पांच बार विजयी हुए हैं और पिछले चार बार से लगातार वह यहां से विधायक हैं. हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख मांझी एक अन्य सुरक्षित सीट मखदूपुर से भी चुनाव लड रहे हैं जहां से वह पिछली बार चुनाव जीते थे. वहां मांझी का मुकाबला राजद के नेता सुबेदार दास से है लेकिन मुख्यमंत्री रहने के दौरान चौधरी के साथ उनकी कटुता ने झारखंड से लगने वाले नक्सल प्रभावित क्षेत्र इमामगंज में मुकाबले को रोचक बना दिया है जहां महादलितों की बहुलता है. इन दोनों सीटों पर पांच चरणों वाले विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 16 अक्तूबर को मतदान होना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वस्त चौधरी के खिलाफ चुनाव मैदान में ताल ठोकने की घोषणा करते हुए हम नेता ने कहा था मैं दानव का वध करने के लिए यहां हूं. मांझी ने उदय नारायण चौधरी पर विधानसभा अध्यक्ष के पद पर रहते हुए उन्हें समर्थन देने वाले जदयू विधायकों के खिलाफ कार्रवाई कर पक्षपातपूर्ण ढंग से काम करने का आरोप लगाया था.

आपसी विवाद बना कारण

इस घटना के बाद इसके जवाब में चौधरी ने कहा था कि अगर मुख्यमंत्री के पद से मांझी के इस्तीफा देने के निर्णय के पीछे वह कोई कारण थे तो वह भाग्यशाली समझते हैं. वहीं इमामगंज के स्थानीय व्यापारी निसार आलम का कहना है कि आर पार की लडाई है. हम पार्टी भाजपा के साथ तालमेल के तहत 21 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और इनमें से उसने चार सीटें मुसलमानों को दी हैं. चौधरी के भी कई विरोधी हैं जो उन पर यह आरोप लगा रहे हैं कि विधानसभा अध्यक्ष के पद पर पहुंचने के बावजूद उन्होंने इस निर्वाचन क्षेत्र के लिए कुछ खास नहीं किया. राजद के समर्थक राजबल्लभ यादव ने कहा उनके खिलाफ कुछ शिकायतें हो सकती हैं लेकिन हम महागंठबंधन को वोट करेंगे.

जनता करेगी फैसला

जदयू के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी 2010 के विधानसभा चुनाव में राजद के अपने प्रतिद्वंद्वी से मात्र 1200 मतों से विजयी हुए थे और इस बार दोनों दलों के साथ आने से उनके लिए चीजें आसान हुई हैं लेकिन हम के भाजपा के साथ हाथ मिलाने और मांझी के कद ने चीजों को थोडा अनिश्चित बना दिया है. मांझी के एक समर्थक रंजन मांझी ने कहा महादलित मांझी को अपने नेता के रुप में देखते हैं. वे उन्हें वोट करेंगे. मांझी के इमामगंज से चुनाव लड़ने पर जोर दिये जाने के कारण ही भाजपा हम को एक सीट और देने पर राजी हो गयी थी. शुरुआत में भाजपा ने हम को 20 सीटें दी थी.

इन सीटों पर रहेगी नजर

यहां दोनों दावेदारों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. अगर पराजय से एक कद्दावर महादलित नेता के रुप में उभरने के मांझी के प्रयासों को धक्का लगेगा तो वहीं चौधरी की पराजय जदयू राजद कांग्रेस महागठबंधन के लिए गहरा धक्का होगा, क्योंकि उसके पास चौधरी के कद के कुछ ही दलित नेता हैं. मांझी के नेतृत्व वाली हम पार्टी दूसरे चरण की 32 में से सात सीटों पर चुनाव लड रही है. दूसरे चरण के चुनाव में 16 अक्तूबर को मतदान होना है. इन सभी सातों सीटों पर दलित मतदाताओं की अच्छी तादाद है. मांझी के पुत्र संतोष सुमन कुटुंबा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड रहे हैं. इस चुनाव में बिहार के अनेक राजनीतिक दिग्गज चुनावी मैदान में उम्मीदवार के रुप में नहीं हैं.

लालू के बेटों की किस्मत भी दांव पर

राजद के शीर्ष नेता लालू प्रसाद चारा घोटाले में सजायाफ्ता होने के कारण चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं, जबकि उनकी पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी चुनाव मैदान से बाहर हैं. उनके दोनों पुत्र तेज प्रताप और तेजस्वी क्रमश: उत्तर बिहार के महुआ और राघोपुर निर्वाचन क्षेत्र से अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं. वहीं मुख्य मंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं और उन्होंने चुनाव न लड़ने और प्रचार पर ध्यान केंद्रीत करने का निर्णय किया है. इसी तरह भाजपा के प्रमुख नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी विधान परिषद के सदस्य हैं और उन्होंने भी चुनाव प्रचार पर ध्यान केंद्रीत करने का निर्णय किया है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel