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नीतीश के सात निश्चयों पर महागंठबंधन की मुहर

साझा लक्ष्य. न्यूनतम साझा कार्यक्रम जारी सरकार बनी, तो किया जायेगा लागू पटना : जदयू-राजद-कांग्रेस महागंठबंधन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सातों निश्चयों पर मुहर लगा दी है. महागंठबंधन ने शुक्रवार को अगले पांच सालों के लिए अपना न्यूनतम साझा कार्यक्रम जारी किया. इसमें इन सातों निश्चयों को शामिल किया गया है और इन्हें साझा […]

साझा लक्ष्य. न्यूनतम साझा कार्यक्रम जारी
सरकार बनी, तो किया जायेगा लागू
पटना : जदयू-राजद-कांग्रेस महागंठबंधन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सातों निश्चयों पर मुहर लगा दी है. महागंठबंधन ने शुक्रवार को अगले पांच सालों के लिए अपना न्यूनतम साझा कार्यक्रम जारी किया. इसमें इन सातों निश्चयों को शामिल किया गया है और इन्हें साझा कार्यक्रम का आधार व प्राथमिकता माना गया है. विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनने पर इसे बिहार में लागू किया जायेगा.
जदयू के प्रदेश कार्यालय में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम जारी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकसित बिहार के सातों निश्चयों को भी इसमें शामिल किया गया है. इन निश्चयों में आर्थिक हल-युवाओं को बल, आरक्षित रोजगार-महिलाओं को अधिकार, हर घर बिजली लगातार, हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली-नालियां, शौचालय निर्माण-घर का सम्मान और अवसर बढ़े-आगे बढ़े शामिल हैं. इसके साथ ही इसमें न्याय के साथ विकास पर जोर देते हुए कहा गया है कि आरक्षण की वर्तमान व्यवस्था के साथ रत्ती भर की न तो छेड़छाड़ करने दी जायेगी और न ही इस तरह की किसी संभावना को बरदाश्त किया जायेगा. इसमें कानून का राज, सुशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य पर भी विशेष जोर दिया गया है.
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि सामान्य वर्गों के गरीबों के कल्याण व उत्थान के लिए भी महागंठबंधन काम करेगा. इसके लिए राज्य में गठित सवर्ण आयोग की प्रभावी भूमिका होगी. साथ ही महागंठबंधन सरकार बनने के बाद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए काम करेगा. विशेष दर्जा मिलने से राज्य में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और राज्य की आर्थिक प्रगति होगी.
महागंठबंधन बिहार की अस्तिमता और पहचान के प्रति भी प्रतिबद्ध है. भाजपा या अन्य किसी ताकतों द्वारा बिहार को अपमानित करने या नीचा दिखाने के किसी भी प्रयास का मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा. महागंठबंधन ने केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना के आंकड़ों को जारी करने की मांग की है. साथ ही यह भी कहा है कि जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था की जाये और निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण का प्रावधान हो. इंदिरा आवास, मनरेगा, सर्वशिक्षा अभियान में कटौती के बजाय इन योजनाओं का विस्तार किया जाये.
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि महागंठबंधन विशिष्ट वर्गों के लिए चल रहे भाजपा के क्रोनी कैपिटलिज्म के विकास मॉडल को जनविरोधी मानता है. इससे मुट्ठी भर अमीर लोग ही लाभांवित होते हैं. इससे मध्यम वर्ग, किसानों, गरीबों और मजदूरों को कोई लाभ नहीं होता है.
इस मौके पर जदयू के सांसद पवन कुमार वर्मा व हरिवंश, विधान पार्षद संजय सिंह गांधी व प्रदेश महासचिव डाॅ नवीन कुमार आर्य, राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो मनोज झा व प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी और कांग्रेस के प्रवक्ता हरखु झा व चंदन यादव मौजूद थे.
नीतीश कुमार के सात निश्चय
योजना का नाम अनुमानित खर्च
1. आर्थिक हल-युवाओं को बल ~49,800 करोड़
2. आरक्षित रोजगार-महिलाओं को अधिकार ——-
3. हर घर बिजली लगातार ~55,600 करोड़
4. हर घर नल का जल ~47,700 करोड़
5. घर तक पक्की गली-नालियां ~47,700 करोड़
6. शौचालय निर्माण-घर का सम्मान ~28,700 करोड़
7. अवसर बढ़े-आगे बढ़े ~10,300 करोड़
इस पर भी जोर
-आरक्षण में रत्ती भर छेड़छाड़ बरदाश्त नहीं-न्याय के साथ विकास
-सुशासन-कानून का राज
-कृषि का विकास-सबको गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा-बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
केंद्र से मांग
-बिहार को विशेष राज्य का दर्जा
-जातिगत जनगणना जारी करना
-जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था
-निजी क्षेत्रों में भी मिले आरक्षण

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