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बिहार चुनाव : उपचुनाव में जताया भरोसा, एक साल बाद काट दिया टिकट

पटना : लोकसभा चुनाव में महागंठबंधन को करारी शिकस्त मिली थी. उसके बाद 10 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में छह सीटों पर जिन उम्मीदवारों ने जीत हासिल कर पार्टी का भरोसा बढ़ाया था, और इस जीत के बाद कहा जाने लगा था कि मोदी लहर अब ठंडी पड़ चुकी है. इस चुनाव में जीत […]

पटना : लोकसभा चुनाव में महागंठबंधन को करारी शिकस्त मिली थी. उसके बाद 10 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में छह सीटों पर जिन उम्मीदवारों ने जीत हासिल कर पार्टी का भरोसा बढ़ाया था, और इस जीत के बाद कहा जाने लगा था कि मोदी लहर अब ठंडी पड़ चुकी है. इस चुनाव में जीत हासिल करनेवाले मोहिउद्दीननगर सीट से विधायक अजय बुल्गानिन का टिकट काट दिया है. उसी तरह भाजपा ने नरकटियागंज से विधायक रश्मि वर्मा का टिकट काटा है, जबकि भाजपा और राजद ने जुलाई-अगस्त 2014 में हुए विधानसभा उपचुनाव में इन दोनों पर भरोसा जताया था.

दोनों ही उस भरोसे पर खरे उतरे थे और अपने-अपने क्षेत्र से जीत कर आये थे. उपचुनाव के एक साल बाद शुरू हो चुके बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा और राजद ने अपने सीटिंग विधायक को चुनाव में उतारने की जगह प्रत्याशी ही बदल दिया. नरकटियागंज से भाजपा ने विधायक रश्मि वर्मा की जगह रेणू देवी को टिकट दिया है, वहीं राजद ने मोहिउद्दीननगर सीट से विधायक अजय बुल्गानिन की जगह तेज्या यादव को प्रत्याशी बनाया है. जदयू-राजद-कांग्रेस का महागंठबंधन जुलाई-अगस्त 2014 में हुए उपचुनाव में ही आकार ले लिया था. महागंठबंधन ने दसों विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार उतारे थे. इसमें छह सीटों पर महागंठबंधन को और चार सीटों पर भाजपा को जीत मि ली थी. महागंठबंधन व भाजपा ने उपचुनाव में जीते सात सीटिंग विधायकों को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने हाजीपुर से अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है.

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बिहार चुनाव : उपचुनाव में जताया भरोसा, एक साल बाद काट दिया टिकट 2



रश्मि वर्मा ने लोकसभा चुनाव के बाद जदयू की सदस्यता ग्रहण किया था, लेकिन उपचुनाव के समय नरकटियागंज सीट कांग्रेस के खाते में चली गयी थी और वह अपना प्रत्याशी उतारना चाह रही थी. ऐसे में भाजपा ने रश्मि वर्मा को अपनी पार्टी में शामिल करा कर टिकट दे दिया. चुनाव में रश्मि वर्मा की जीत हुई. सूत्रों की माने तो पिछले एक साल में नरकटियागंज क्षेत्र को लेकर भाजपा को जो उम्मी द थी रश्मि वर्मा के उसमें खरे नहीं उतरने की बात की जा रही है. साथ ही क्षेत्र में उनका ग्राफ भी गिरा है.

इसे आधार पर उनका टिकट कटा माना जा रहा है. वहीं, राजद ने उपचुनाव में मोहद्दीनगर सीट से अजय बुल्गानिन को टिकट दिया और वे जीत भी गये थे. छह महीने तक सब कुछ ठीक चला, लेकिन जब फरवरी 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सरकार को बहुमत साबित करना था तो अजय बुल्गानिन के उनके समर्थ न में आने की चर्चा होने लगी. इसका खामियाजा भी सीट कटने के साथ उन्हें उठाना पड़ा. मोहिउद्दीननगर क्षेत्र में उनसे मजबूत उम्मी दवार देने के लिए राजद ने तेज्या यादव को प्रत्याशी बनाया है. इधर, राजद विधायक ने टिकट कटने के बाद सांसद पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक में शामिल हो गये हैं.

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