पटना: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को जहां अपनी चुनावी रणनीति का खुलासा किया, वहीं समर्थन नहीं देने के लिए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को जम कर कोसा. उन्होंने कहा कि हम चुनाव के पूर्व किसी से गंठबंधन नहीं करेंगे. चुनाव के बाद ही हमारा किसी से गंठबंधन होगा.
साथ ही उन्होंने कहा कि जो भी दल हमें मदद करना चाहेगा, हम उसका सहयोग लेंगे. 1, अणो मार्ग स्थित आवास पर प्रेस कान्फ्रेंस में मांझी ने कहा, लालू प्रसाद ने उनसे (नीतीश कुमार) हाथ मिलाया है, जिसने उन्हें जेल भेजवाया था. लालू प्रसाद का सामाजिक न्याय ही पता नहीं चलता है कि क्या है? कभी वह कहते हैं कि जीतन राम मांझी अच्छा आदमी है, लेकिन जब समर्थन देने की बारी आयी, तो वह नीतीश कुमार के साथ हो लिये. अगर लालू प्रसाद मेरा साथ देते, तो मेरी सरकार बच जाती.
उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई नीतीश कुमार से थी. वह सत्ता के लिए इतना ज्यादा छटपटा रहे थे कि गैर कानूनी रूप से काम किया. पता नहीं वह कैसे सरकार चलाना चाहते हैं? मंगलवार को विधानसभा में जो घटना हुई, ऐसी घटना पहले नहीं हो जाती, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया था. जिस चीज से हम बचना चाहते थे, वैसी ही घटना हुई. उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई सत्ता के लिए नहीं है. कैसे विकास किया जाये, इसके लिए है. गरीब के लिए सिर्फ घोषणाएं न हो, लॉलीपॉप नहीं दिखाया जाये. उनके लिए काम भी हो.
मांझी ने कहा कि स्पीकर उदय नारायण चौधरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ब्लैकमेल कर रहे हैं. स्पीकर की बहुत-सी फाइलों को अपने पास रख कर नीतीश कुमार उन्हें अपने कब्जे में रखा है. ऐसा कर उन्हें डरा रहे हैं. जैसा नीतीश कुमार चाह रहे हैं, वैसा काम उनसे करवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जो आचरण किया है, उस पर हाइकोर्ट ने भी आपत्ति जतायी है. अब स्पीकर को अपनी गलती मान कर इस्तीफा दे देना चाहिए.
फस्र्ट डिजर्व दैन डिजायर
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल मेरा ध्यान 20 अप्रैल को हिंदुस्तानी अवाम मोरचा (हम) के पटना में होनेवाले गरीब स्वाभिमान महासम्मेलन पर है. यह सफल हो गया, तो आगे का निर्णय करूंगा. सभी कार्यकर्ताओं को कहा है कि वे सतुआ और चूड़ा बांध कर आएं. उन्होंने कहा कि मेरे संपर्क में न तो लालू प्रसाद हैं और न ही नीतीश कुमार. हम प्री पोल एलायंस नहीं करेंगे. पोस्ट पोल एलायंस होगा. जो भी दल हम मदद करना चाहेगी, हम उसका सहयोग लेंगे. भाजपा से संपर्क के सवाल पर उन्होंने एक बार फिर कहा कि समर्थन देने में भाजपा ने देरी की. उन्होंने जो एक दिन पहले समर्थन का फैसला लिया, वह एक सप्ताह पहले ले सकते थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जदयू के निलंबित विधायक राजीव रंजन भी मौजूद थे.