संवाददाता, पटना शिक्षायतन प्रांगण में 15 दिवसीय प्रस्तुति परक कथक कार्यशाला की शुरुआत अतिथि व्याख्यान से किया गया. इसका विषय एम्पावरिंग सेल्फ विद डांस था. विशेषज्ञ डॉ पल्लवी विश्वास ने संस्था की पूरी कार्यशाला में होने वाली क्रिया विधि का वर्णन किया. जैसे कि आने वाले 15 दिनों में ये कथक प्रशिक्षु कथक की तकनीकी को सीखेंगे. नृत्य नाटिका की रचना संरचना को जानेंगे. कार्यशाला के समापन में रामायण के उद्धरण से सीता के अशोक वाटिका दृश्य पर आधारित नाटिका तृण धरी ओट का मंचन किया जायेगा. नाटिका की तैयारी कथक गुरु यामिनी के निर्देशन में होगा. कथक कार्यशाला में भाग लेने वाले लगभग 20 प्रतिभागियों ने अपना परिचय दिया. पहले दिन व्याख्यान में डॉ पल्लवी विश्वास ने बड़ी महीनता से शरीर के एक एक अंगों के दैनिक कार्यों में संचालन, किस प्रकार से एक दूसरे से तारतम्य बैठा कर कुशलता से कार्य कर पाते हैं और या नृत्य से जुड़ा है, प्रशिक्षुओं को प्रयोगात्मक रूप से बताया. समापन में गुरु वंदना के नृत्यांकन रचना से कलानेत्री डॉ पल्लवी विश्वास ने अपने व्याख्यान को विराम दिया.
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