पटना : नयी गाड़ी के नाम पर पुरानी कार बिक्री मामले में पटना जिला उपभोक्ता फोरम ने संबंधित डीलर के खिलाफ एक अहम फैसला सुनाया है. फोरम के अध्यक्ष सुबोध कुमार श्रीवास्तव, सदस्य करिश्मा मंडल और अनिल कुमार सिंह की बेंच ने आस्था मोटर्स, केयर ऑफ मेसर्स कुमार डिस्ट्रीब्यूटर निवासी पटना सहित चार अन्य फर्म को दोषी मानते हुए आदेश दिया है कि वे वादी केशव कुमार झा को टीडीआइ मॉडल की नयी इंडिगो उपलब्ध कराएं. अगर यह संभव नहीं है, तो 6.50 लाख रुपये 12 फीसदी ब्याज के साथ भुगतान करें. उपभोक्ता फोरम ने विपक्षियों की लापरवाही को गंभीर मानते हुए वादी को आर्थिक एवं सामाजिक प्रतिष्ठा की भरपाई के लिए एक लाख रुपये और उन्हें हुई शारीरिक एवं मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति के लिए 50 हजार
रुपये का भुगतान भी करें.
इसके अलावा वाद व्यय के 20 हजार रुपये का भी वादी को भुगतान करें. आदेश के मुताबिक विपक्षियों को इस आदेश का पालन साठ दिन के अंदर करना होगा. अगर ऐसा नहीं करते हैं, तो कुल राशि पर 15% ब्याज की राशि से वसूली की जायेगी.
2012 में खरीदी थी कार
इस पूरे मामले में वादी केशव कुमार झा ने इंडिगो की एक लक्जीरियस मॉडल की कार 28 जून, 2012 को आस्था मोटर्स से खरीदी थी.
खरीदने के कुछ ही माह बाद गाड़ी खराब हो गयी. झा ने यह गाड़ी कंपनी के ही वर्कशॉप में सुधारने के लिए डाली. यहां के दस्तावेजों में पता चला कि यह गाड़ी कुमार डिस्ट्रीब्यूटर की तरफ से कंकड़बाग निवासी आशुतोष कुमार को 31 मार्च, 2012 में ही बेची जा चुकी है. इस मामले की तह में जाने पर पता चला कि आशुतोष कुमार ने यह गाड़ी खरीदने के कुछ दिन बाद ही कार डीलर को वापस कर दी थी. बाद में डीलर ने यह पुरानी गाड़ी को नयी बताकर वादी केशव कुमार झा को बेच दी. इस तरह की पृष्ठभूमि का अध्ययन करने के बाद उपभोक्ता फोरम ने यह सख्त फैसला सुनाया है. वादी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र कुमार दूबे ने पैरवी की.