पटना : चार दिनों से जारी सफाई कर्मियों की हड़ताल के कारण शहर में जगह-जगह पर कचरे का अंबार लग गया है. इससे िनकलने वाली बदबू से लोग परेशान हैं.
इधर गुरुवार को नगर विकास व आवास मंत्री सुरेश शर्मा, सचिव आनंद किशोर के साथ करीब तीन घंटे तक नगर निगम स्टाफ यूनियन इंटक, कामगार यूनियन, चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ व एक अन्य यूनियन नेताओं की बातचीत बेनतीजा रही. सफाई कर्मियों की सेवा शर्त को लेकर विभाग के नये प्रस्ताव को निकाय यूनियन के नेताओं ने ठुकरा दिया.वार्ता के दौरान विभाग ने रिटायरमेंट की उम्र सीमा तक दैनिक वेतन वाले कर्मियों की सेवा बरकरार रखने का नया प्रस्ताव दिया.
वहीं, दूसरी ओर स्टाफ यूनियन नेताओं ने कहा कि विभाग की ओर से ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया, जिससे प्रभावित होकर हमलोग तत्काल हड़ताल समाप्त कर दें. यूनियन नेताओं के अनुसार विभाग के आदेश के खिलाफ नगर निगम शुक्रवार को हाइकोर्ट में अपील करेगा. अपील में निकाय यूनियन के प्रतिनिधि शामिल होंगे. उसके बाद हड़ताल समाप्त करने पर विचार किया जायेगा.
60 वर्षों तक कर्मियों को नहीं हटा सकेगी आउटसोर्सिंग कंपनी
यूनियन नेताओं के साथ वार्ता के दौरान विभागीय मंत्री ने कहा कि आउटसोर्सिंग कंपनियां 60 वर्षों तक सफाई कर्मियों को नहीं हटा सकेंगी. इसके लिए विभाग की ओर से पत्र जारी किया जा रहा है.
निजी कंपनी के साथ काम करने पर भी कर्मियों को भविष्य निधि योजना, कर्मचारी राज्य बीमा योजना से लेकर श्रम संसाधन विभाग की ओर से निर्धारित न्यूनतम मजदूरी के नियमों का पालन किया लायेगा. मंत्री ने यूनियन नेताओं की शंका का समाधान करते हुए कहा कि अगर निकाय या विभाग की ओर से 26 दिनों का पैसा कंपनी को दिया जाता है तो कंपनी को भी उतने ही दिनों का पैसा सफाई कर्मियों के खाते में देना होगा. इसमें अगर इसमें किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो तत्काल आउट सोर्सिंग कंपनी को हटाये जाने की कार्रवाई की जायेगी.
नियमित करने पर जिच
असल में यूनियन नेताओं व विभाग के बीच दैनिक वेतन पर काम करने वाले ग्रुप डी कर्मियों को हटाये जाने वाले कटऑफ डेट पर जिच बना हुआ है.
इंटक नेता चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि जून, 2018 के पहले तक काम करने वाले कर्मियों को नियमित किया जाये. इसके बाद योगदान करने वाले कर्मी आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे जाएं. विभाग की ओर से कहा किया कि कर्मियों के नियमित करने का मामला न्यायालय में लंबित है. न्यायालय के निर्देश के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी.
गुरुवार को सफाई कर्मियों ने स्ट्रैंड रोड स्थित नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा के आवास के सामने मरा हुआ कुत्ता फेंक दिया. इसी तरह नगर आयुक्त के चैंबर के सामने भी सफाई कर्मियों ने मरा हुआ जानवर फेंक दिया. कंकड़बाग टैंपु स्टैंड में भी मरा हुआ बड़ा जानवर फेंका गया है.
हड़ताल खत्म करने की अपील
2012 के कार्मिक विभाग के आदेश के आधार पर ही ग्रुप डी के दैनिक वेतन पाने वाले कर्मियों को मजदूरी व अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं. इससे अलग कोई मांग है तो यूनियन नेता विभाग को सौंप सकते हैं. हम उसे सरकार तक प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे. बढ़ती गंदगी और बीमारी की आशंका को देखते हुए कर्मियों को हड़ताल समाप्त करने का अनुरोध किया गया है.
सुरेश शर्मा, मंत्री नगर विकास व आवास विभाग