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बिहार ने फिर रचा इतिहास : 5.16 करोड़ ने मानव शृंखला बना दिया पर्यावरण बचाने का संदेश

गांधी मैदान से हुई शुरुआत पटना : पूरे बिहार ने रविवार को कतारबद्ध होकर संकल्प लिया कि वह जलवायु को बचाने के लिए पूरी तरह एकजुट है. गांधी मैदान से शुरू होकर पूरे राज्य में बनी मानव शृंखला में 5.16 करोड़ से अधिक लोग एक दूसरे का हाथ पकड़े आधा घंटा तक खड़े रहे. दिन […]

गांधी मैदान से हुई शुरुआत
पटना : पूरे बिहार ने रविवार को कतारबद्ध होकर संकल्प लिया कि वह जलवायु को बचाने के लिए पूरी तरह एकजुट है. गांधी मैदान से शुरू होकर पूरे राज्य में बनी मानव शृंखला में 5.16 करोड़ से अधिक लोग एक दूसरे का हाथ पकड़े आधा घंटा तक खड़े रहे.
दिन के 11:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक लगी मानव शृंखला में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति प्रो हारूण रशीद समेत राज्य सरकार के मंत्री और आला अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया.
गांधी मैदान में मुख्यमंत्री के साथ जल पुरुष राजेंद्र सिंह और यूएनइपी के कंट्री हेड अतुल बगई भी इसके हिस्सेदार बने. राज्य सरकार ने दावा किया है कि 18,034 किलोमीटर लंबी यह मानव शृंखला विश्व की अब तक की सबसे लंबी मानव शृंखला है.
आसमान में बादल और ठंड के बावजूद मानव शृंखला को लेकर लोगों में गजब का उत्साह रहा. स्कूली बच्चे, युवा व महिलाओं में मानव शृंखला को लेकर खासा उत्साह दिखा. सरकारी कर्मियों ने भी इसमें साथ दिया. मुख्य कार्यक्रम पटना के गांधी मैदान में हुआ, जहां लोगों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ कर पहले बिहार का नक्शा बनाया.
फिर इससे जुड़ी चारों दिशाओं में निकली मानव शृंखला पूरे बिहार में फैल गयी और पूरे राज्य में इसके लिए 18 हजार 34 किमी की लंबाई में लोगों ने एक दूसरे का हाथ थाम कर विश्व कीर्तिमान बनाने का दावा पेश कर दिया और पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया. सुबह ठीक 11:30 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल-जीवन-हरियाली और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े नारों की लिखी तख्तियों को रंग-बिरंगे गुब्बारों के साथ उड़ाकर इसकी शुरुआत की. मुख्यमंत्री की एक तरफ माननीय, तो दूसरी तरफ अधिकारियों की लंबी कतार थी.
गांधी मैदान में इस शृंखला के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की गयी थी. लगातार जल-जीवन-हरियाली व शराबबंदी के समर्थन और दहेज व बाल-विवाह के खिलाफ कई तरह के लोक गीत लगातार बज रहे थे. एक निजी स्कूल की बच्चियों के बैंड का धुन भी सुनने को मिल रहा था. यह धुन इतना मनमोहक था कि कई लोगों ने खड़े-खड़े इसके साथ लय मिलाया.
मौसम में ठंडक होने के बाद भी सभी लोग गर्म कपड़ पहनकर पूरे उत्साह और जोश के साथ खड़े थे. सीएम समेत सभी माननीय और अधिकारी एक दूसरे के हाथ को पकड़े हुए बीच-बीच में हाथों को ऊपर उठाकर लोगों का निरंतर उत्साहवर्धन कर रहे थे. पूरे मैदान की ड्रोन और हेलीकॉप्टर से लगातार फोटोग्राफी की जा रही थी. ऐसे ही पूरे बिहार में इस शृंखला की एरियल फोटोग्राफी करायी गयी.
लोगों ने मानव शृंखला की शुरुआत और अंत दोनों हाथ उठाकर और ताली बजाकर की. आधा घंटा बाद जब गांधी मैदान की शृंखला टूटी, तो इसके साथ ही पूरे बिहार की शृंखला भी समाप्त हो गयी. राज्य के लोगों ने एक साथ एक-दूसरे का हाथ पकड़ा और छोड़ा. इसके साथ ही एक नये विश्व रिकॉर्ड की तरफ बिहार अग्रसर हो गया.
5.16 करोड़ से ज्यादा लोग हुए शामिल, 16 करोड़ हुए खर्च : मुख्य सचिव
पूरे राज्य में इस बार 18 हजार 34 किमी लंबी मानव शृंखला बनी है. इसमें पांच करोड़ 16 लाख 71 हजार 389 लोग कतारबद्ध होकर खड़े हुए. यह लक्ष्य से कहीं ज्यादा है. लक्ष्य 16 हजार 419 किमी का रखा गया था. मानव शृंखला समाप्त होने के बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने रविवार को मुख्य सचिवालय के सभागार में प्रेस काॅन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि 2017 में बनी मानव शृंखला 11292 किमी लंबी थी और इसमें 3.50 करोड़ लोग खड़े हुए थे. वहीं, जबकि 2018 में 14 हजार किमी लंबी मानव शृंखला बनी थी. इस बार लंबाई और जनसंख्या दोनों को समाहित करते हुए सबसे लंबी शृंखला तैयार की गयी है.
यह एक तरह से विश्व रिकॉर्ड है. इसे लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए संबंधित संस्थानों के प्रतिनिधि अपना काम कर रहे हैं. जल्द ही इस पर अंतिम रूप से निर्णय ले लिया जायेगा. इस पूरे आयोजन में करीब 16 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा रुपये कला जत्था के माध्यम से जागरूकता पैदा करने के लिए खर्च किये गये हैं.
मुख्य सचिव ने कहा कि मानव शृंखला के दौरान दो लोगों की अचानक ह्दयगति रुकने से अचानक मौत होने की सूचना है. इन्हें चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गयी है. मरने वाले एक व्यक्ति मो दाउद दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड के दिघियात मध्य विद्यालय में सहायक शिक्षक हैं. इन्हें चार लाख रुपये अनुग्रह राशि के अलावा सेवा के दौरान किसी सरकारी कर्मी की मौत में मिलने वाली सभी सुविधाएं दी जायेंगी. इसके अलावा समस्तीपुर में भी एक महिला की मौत की सूचना है.
इतने लोग हुए यहां खड़े
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के सभी मुख्य मार्ग और उपमार्ग पर तीन करोड़ 45 लाख 50 हजार 15 लोगों ने शृंखला बनायी. जबकि पहली बार वार्ड स्तर पर बनायी गयी शृंखला में एक करोड़ 13 लाख 44 हजार 586 लोग शामिल हुए. क्लास एक से चार तक के बच्चों को विद्यालय परिसर में ही खड़ा किया गया था, जिसमें 57 लाख 76 हजार 788 बच्चे शामिल हुए. इस तरह सभी को जोड़ने पर पांच करोड़ 16 लाख 71 हजार 389 लोग शामिल हुए.
सात हेलीकॉप्टर व 100 ड्रोन से हुई फोटोग्राफी
पूरे राज्य में मानव शृंखला की फोटोग्राफी कराने के लिए सात हेलीकॉप्टर लगाये गये थे. इनकी मदद से पटना, औरंगाबाद, सुपौल, गोपालगंज समेत कई जिलों में फोटोग्राफी करायी गयी. 11 हेलीकॉप्टर उड़ाने की योजना थी, लेकिन मौसम खराब होने से सात हेलीकॉप्टर ही उड़ पाये. इसके अलावा 100 ड्रोन से भी फोटोग्राफी करायी गयी.
ये रहे टॉप पांच जिले
पटना 27.87 लाख
समस्तीपुर 27.80 लाख
मुजफ्फरपुर 24.57 लाख
सारण 24.33 लाख
रोहतास 23.24 लाख
कम भागीदारी
शेखपुरा 4.06 लाख
शिवहर 3.46 लाख
राज्य में तीसरी मानव शृंखला
21 जनवरी, 2018
(दहेज व बाल-विवाह के खिलाफ)
14000 किमी लंबी मानव शृंखला बनी थी
21 जनवरी, 2017
(नशामुक्ति के समर्थन में )
11292 किमी लंबी थी व 3.50 करोड़ शामिल थे
जल जीवन हरियाली अभियान
गांधी मैदान में सीएम ने की शुरुआत, लोगों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर बनाया बिहार का नक्शा
मुख्य व उप मार्गों पर 3.45 करोड़, वार्ड स्तर पर 1.13 करोड़ व स्कूलों में 58 लाख बच्चों ने बनायी शृंखला
जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को प्रशस्तिपत्र देकर पर्यावरण संरक्षक के तौर पर किया सम्मानित
पूरे राज्य में सात हेलीकॉप्टर और 100 ड्रोन से मानव शृंखला की करायी गयी फोटोग्राफी
हार्ट अटैक से दरभंगा में एक शिक्षक व समस्तीपुर में एक महिला की मौत मिलेगा 4 लाख मुआवजा

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