प्रहलाद कुमार
क्रिटिकल जोन में काम करने की रफ्तार धीमी, जिलों से विभाग को नहीं मिला एक्शन प्लान
पटना : पानी संकट झेल रहे राज्य के 21 जिलों में इस बार की गर्मी भी परेशान करने वाली होगी. राज्य सरकार ने मार्च तक सभी घर में नल से जल पहुंचाने का निश्चय किया है. पिछले साल 280 प्रखंडों में वाटर लेबल गिरने से लोगों को परेशानी हुई थी.
इसके बावजूद उन जिलों के प्रखंडों में अब तक काम नहीं शुरू हो पाया है. विभागीय सूत्रों की मानें, तो जिन जिलों में पानी की किल्लत हुई थी, उनसे 2020 के लिए एक्शन प्लान मांगा गया था, लेकिन अब तक प्लान नहीं मिलने से विभाग के अधिकारी भी परेशान हैं. काम जल्द नहीं शुरू हो पाया, तो गर्मी में एक बार फिर लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ेगा. दूसरी ओर, विभाग के मंत्री विनोद नारायण झा की मानें तो नल- जल योजना का काम तेजी से चल रहा है.
10 फुट से अधिक गिरा था पानी, सूख गये थे चापाकल
बिहार की 1876 पंचायतों के ग्राउंड वाटर बहुत ही नीचे चला गया था. 138 पंचायत क्रिटिकल जोन में थे. लगभग इन सभी जिलों में ग्राउंड वाटर लेबल कम- से- कम 10 फुट तक गिरा था. इस कारण से लगभग 400 से अधिक टैंकर को घर-घर पानी पहुंचाने के लिए लगाया गया था. साथ ही आपदा सहित अन्य विभागों ने भी पानी से परेशान लोगों को राहत पहुंचाने के लिए व्यवस्था की थी.
यह है 2019 में वाटर लेबल का हाल
बिहारशरीफ127.6 फुट
हिलसा 151 फुट
गया128 फुट
जहानाबाद 118 फुट
नवादा 108 फुट
औरंगाबाद 114 फुट
कैमूर 136 फुट
शेखपुरा 146 फुट
लखीसराय 117 फुट
जमुई 106 फुट
यहां भी गिरा था वाटर लेबल, लगायी गयी थी टीम
इन जिलों में हुई थी परेशानी
पिछले साल बेगूसराय, दरभंगा, समस्तीपुर, भोजपुर, बक्सर, पूर्वी
चंपारण, गया, गोपालगंज, जहानाबाद, कटिहार, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पटना, पूर्णिया, समस्तीपुर, सारण, सीतामढ़ी एवं वैशाली के लोग सबसे अधिक परेशान हुए थे.
अब तक नल -जल में 13 लाख चार हजार घरों में हाउस कनेक्शन : पिछले माह की रिपोर्ट के मुताबिक पीएचइडी को 56,079 वार्डों में मार्च ,2020 तक 89.53 लाख घरों में मुख्यमंत्री नल- जल का कनेक्शन देना है.
इसके बावजूद अभी तक मात्र 13 लाख चार हजार घरों में हाउस कनेक्शन हो पाया है. विभाग ने सभी वार्डों में काम की स्वीकृति दे दी है और 54, 729 वार्डों में काम करने वाले ठेकेदारों को वर्क ऑर्डर दे दिया है, लेकिन काम में ठेकेदारों और अधिकारियों की लापरवाही से विभागीय इंजीनियर मार्च तक काम पूरा होने को असंभव बता रहे हैं.
यह नहीं हुआ काम, इस कारण से होगी इस साल परेशानी
– विभाग ने 250 प्रखंडों को चिह्नित भी किया है, जहां ग्राउंड वाटर नीचे जाने के बाद सैकड़ों चापाकल ने पानी छोड़ दिया था. यहां 40 हजार चापाकल लगना है. इससे संबंधित फाइल अभी विभाग में ही लंबित है.
कोसी क्षेत्र में 50 से अधिक फुट गहरा नलकूप बनना है. बाकी के सभी प्रखंडों में 200 से अधिक फुट की इसकी गहराई होगी. जिन 250 प्रखंडों में सबसे अधिक पानी की दिक्कत हुई थी, वहां 120 फुट तक गहराई में लगा नलकूप ने पानी छोड़ दिया था. अभी इन इलाकों में नलकूप की गहराई बढ़ाने का काम शुरू नहीं हो पाया है.
– जल संचय के लिये जल चौपाल लगाना था और सभी प्रखंडों में सोखता अौर कुआं बनाने का काम भी शुरू होना था. अब तक मात्र 1062 कुएं को दुरुस्त किया गया है.
गया, जहानाबाद, नवादा, औरंगाबाद, कैमूर, लखीसराय में वाटर लेबल में गिरावट होने से यहां के 18 हजार चापाकलों को दुरुस्त करने के लिए टीम को लगाया गया है.