36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

इप्‍टा के बैनर तले कलाकार और रंगकर्मी सीएए के विरोध में गांधी मैदान में करेंगे सांस्‍कृतिक प्रतिरोध

पटना : पूरे देश में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ चले आम जन, छात्रों, नौजवानों के आंदोलन को हम कलाकार, संस्कृतिकर्मी अपना नैतिक समर्थन देने के लिए और केंद्र सरकार द्वारा संख्या बल पर संविधान के खिलाफ कानून बनाने के खिलाफ इप्टा की पहल पर पटना इप्टा, प्रेरणा, हिरावल, विहान सांस्कृतिक मंच, सूत्रधार, लोक […]

पटना : पूरे देश में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ चले आम जन, छात्रों, नौजवानों के आंदोलन को हम कलाकार, संस्कृतिकर्मी अपना नैतिक समर्थन देने के लिए और केंद्र सरकार द्वारा संख्या बल पर संविधान के खिलाफ कानून बनाने के खिलाफ इप्टा की पहल पर पटना इप्टा, प्रेरणा, हिरावल, विहान सांस्कृतिक मंच, सूत्रधार, लोक परिषद्, प्रगतिशील लेखक संघ, जन संस्कृति मंच के संस्कृतिकर्मी 29 दिसंबर 2019 को भिखारी ठाकुर रंगभूमि, गांधी मैदान (गेट संख्या 10 के समीप), पटना में सांस्कृतिक प्रतिरोध करेंगे.

इस सांस्कृतिक प्रतिरोध में जनगीत गाये जायेंगे, नाटक की प्रस्तुति होगी और कविता, संविधान की प्रस्तावना के पाठ होंगे. नगर के प्रबुद्ध जन सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर संवाद करेंगे. साहित्यकार प्रेम कुमार मणि, युवा अधिवक्ता नदीम निकहत, फादर आंटो और रवींद्रनाथ राय का इस अवसर पर विशेष संवाद होगा.

आयोजन की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए इप्टा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व बिहार इप्टा के महासचिव तनवीर अख्‍तर ने कहा कि संविधान देश को समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के साथ देश के नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की आजादी, प्रतिष्ठा और अवसरों की समानता सुनिश्चित करता है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की सरकार इन संवैधानिक मूल्यों को तोड़ने में लगी है.

उन्‍होंने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर देश की सर्वधर्म समभाव और गंगा-जमुनी सांस्कृतिक विरासत के विरूद्ध है, और इस अधिनियम के सहारे सावरकर के ‘टू नेशन थ्योरी’ को साधने की एक सुविचारित रणनीति है. असंवैधानिक कानून और असांस्कृतिक प्रयासों के खिलाफ आम जन के बीच ‘सिविल नाफरमानी’ के लिए सांस्कृतिक प्रतिरोध कार्यक्रम का आयोजन पटना के संस्कृतिकर्मियों की ओर से किया गया है.

बिहार इप्टा के कार्यकारी अध्यक्ष सीताराम सिंह ने कहा कि हमारा मानना है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम आम जन के खिलाफ है और भाजपा जान-बूझकर इस अधिनियम को नागरिक अफरा-तरफी के बीच साम्प्रदायिक रंग देने में लगी है. इस अधिनियम से देश के कमजोर, पिछड़े और गरीब समुदाय पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. यह अधिनियम विभाजनकारी है और देश को नफरत और हिंसा के गहरे अंधेरे में धकेलने वाला है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें