पटना : लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बीच बिहार में जेडीयू दो फाड़ में नजर आ रही है. मालूम हो कि जेडीयू ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन देने का फैसला किया. वहीं, पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने पहले ट्वीट कर राज्यसभा में समर्थन देने पर विचार करने को कहा. अब प्रशांत किशोर के बाद पार्टी प्रवक्ता पवन वर्मा ने भी नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन ना करने की बात कहते हुए ट्वीट किया है. मालूम हो कि लोकसभा में जेडीयू के कुल 16 सांसद हैं, जबकि राज्यसभा में जेडीयू के कुल छह सांसद हैं.
जानकारी के मुताबिक, लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल 311-80 के अनुपात से पास हो गया. एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया है. लोकसभा में बिल का जेडीयू द्वारा समर्थन दिये जाने के फैसले को लेकर जेडीयू प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने भी ट्वीट कर कहा है कि, ‘मैं नीतीश कुमार से नागरिकता संशोधन बिल पर समर्थन देने पर दोबारा विचार करने की अपील करता हूं. यह बिल जेडीयू के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ होने के साथ-साथ असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण और देश की एकता व सद्भाव के खिलाफ है. गांधीजी ने इसका कड़ा विरोध किया होगा.’
I urge Shri Nitish Kumar to reconsider support to the #CAB in the Rajya Sabha. The Bill is unconstitutional, discriminatory, and against the unity and harmony of the country, apart from being against the secular principles of the JDU. Gandhiji would have strongly disapproved it.
— Pavan K. Varma (@PavanK_Varma) December 10, 2019
इससे पहले पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा है कि धर्म के आधार पर नागरिकता के अधिकार में भेदभाव करने वाले बिल का जेडीयू द्वारा समर्थन दिया जाना निराशाजनक हैं. यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता. पार्टी के मूल विचारों से मेल नहीं खाता.’
Disappointed to see JDU supporting #CAB that discriminates right of citizenship on the basis of religion.
It's incongruous with the party's constitution that carries the word secular thrice on the very first page and the leadership that is supposedly guided by Gandhian ideals.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 9, 2019
वहीं, जेडीयू के नेशनल एग्जीक्यूटिव सदस्य और रिटायर्ड आईपीएस एनके सिंह ने भी ट्वीट कर नागरिकता संशोधन बिल पर पार्टी के स्टैंड का विरोध किया है.उन्होंने लिखा, ‘कल आजादी के बाद का काला दिन था. कल का दिन गांधी, नेहरू और पटेल के धर्मनिरपेक्ष बहुलतावादी, लोकतांत्रिक भारत को पीछे छोड़ते हुए, गोलवलकर, सावरकर और आरएसएस के एक हिंदू राष्ट्र की ओर पहला कदम बढ़ा दिया गया.’
Yesterday , a black day in post-Independence era:Leaving behind an India of Gandhi,Nehru&Patel of secular pluralistic,democratic India, a first step towards a HINDU Rashtra of Golwalkar, Savarkar & RSS:Towards , a HINDU Pakistan:But signs they won’t succeed.
— N.K.Singh,IPS(retd);MA(Pol SC),Pat,Varsity (@NKSingh19) December 10, 2019