पटना : नगर निगम की ओर से संसाधन और सफाईकर्मी पर हर माह 9.86 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद सुबह से शाम तक गलियों व सड़कों पर गंदगी दिखती है. वार्ड स्तर पर सफाई व्यवस्था को डि-सेंट्रलाइज करने और संसाधन उपलब्ध कराये जाने के बाद भी बुरा हाल है. 500 की आबादी पर एक सफाईकर्मी की कम पड़ रहे हैं. एक वार्ड में पांच ऑटो टीपर, एक-एक बड़ी-छोटी जेसीबी और टाटा-407 उपलब्ध कराने के बावजूद शत-प्रतिशत घरों से कचरा कलेक्शन व कूड़ा प्वाइंटों से कचरे का उठाव नहीं हो पा रहा है.
एनसीसी और बांकीपुर अंचल में सबसे अधिक खर्चसफाई मद से आउटसोर्सिंग एजेंसियों के कर्मी, दैनिक सफाईकर्मी, गाड़ियां के ईंधन, ड्राइवर, भाड़े की हाइवा, गाड़ियों के मेंटेनेंस आदि पर खर्च किया जाता है. नवंबर माह के लिए निगम मुख्यालय से अंचलों में भेजी गयी राशि के अनुसार सबसे अधिक खर्च नूतन राजधानी अंचल(एनसीसी) व बांकीपुर अंचल में हो रहा है. एनसीसी में 2.22 करोड़ और बांकीपुर अंचल में 2.10 करोड़ भेजे गये हैं. वहीं, अजीमाबाद अंचल में 1.28 करोड़, कंकड़बाग अंचल में 1.44 करोड़, पटना सिटी अंचल में 1.01 करोड़ और पाटलिपुत्र अंचल में 1.84 करोड़ रुपये भेजे गये हैं. गौरतलब है कि इस राशि में सुरक्षा कर्मियों के वेतन भी शामिल हैं.
कहां-कितना होता है खर्च
नगर निगम में अंचलों की संख्या छह है. इन अंचलों में कार्यरत नियमित अधिकारियों व कर्मियों के वेतन, पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ मद में 7.77 करोड़ खर्च किये गये. इसमें अजीमाबाद अंचल में 83.18 लाख, बांकीपुर अंचल में 1.77 करोड़, कंकड़बाग अंचल में 77.64 लाख, पटना सिटी अंचल में 1.56 करोड़, पाटलिपुत्र अंचल में 55.66 लाख, नूतन राजधानी अंचल में 1.32 करोड़ और जलापूर्ति शाखा में 94 लाख रुपये भेजे गये हैं.