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पटना : बख्तियारपुर-ताजपुर सड़क के निर्माण में फंसा जमीन का पेच

नौ दिसंबर को होगी उच्चस्तरीय बैठक पटना : राज्य की महत्वाकांक्षी योजना बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क में भूमि अधिग्रहण और निर्माण एजेंसी की आर्थिक तंगी की वजह से काम रुक गया है. इसे लेकर सोमवार को पथ निर्माण विभाग सहित अन्य आला अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक होगी. बैठक में सड़क निर्माण कार्य में तेजी लाने के […]

नौ दिसंबर को होगी उच्चस्तरीय बैठक
पटना : राज्य की महत्वाकांक्षी योजना बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क में भूमि अधिग्रहण और निर्माण एजेंसी की आर्थिक तंगी की वजह से काम रुक गया है. इसे लेकर सोमवार को पथ निर्माण विभाग सहित अन्य आला अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक होगी.
बैठक में सड़क निर्माण कार्य में तेजी लाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लिये जाने की संभावना है. बख्तियारपुर-ताजपुर परियोजना वर्ष 2011 में शुरू हुई. इसे 2016 में पूरा होना था, लेकिन धीमी रफ्तार के कारण इसे 2019 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. इसमें करीब 5.52 किमी लंबा पुल और 45.74 किमी लंबा एप्रोच रोड बनना था. इस पुल की चौड़ाई करीब 28 मीटर होगी. इसे बनने से उत्तर और दक्षिण बिहार के लोगों को सड़क यातायात की सुविधा में बढ़ोतरी होगी.
सूत्रों का कहना है कि बख्तियारपुर-ताजपुर सड़क निर्माण में शाहपुर पटोरी के पास भूमि अधिग्रहण की समस्या से करीब आधा किलोमीटर से अधिक लंबाई में सड़क निर्माण बाधित है. यह समस्या कई अन्य जगहों पर भी है. वहीं इसे बनाने वाली एजेंसी ने आर्थिक तंगी की वजह से निर्माण कार्य रोक दिया है. ऐसे में एनएचएआइ के फंड इकट्ठा करने वाली एक पॉलिसी के तर्ज पर विचार किया जा रहा है. इससे संंबंधित प्रस्ताव पर राज्य कैबिनेट की स्वीकृति के बाद इसे लागू किया जायेगा.
पीपीपी मोड में 2011 में शुरू हुई थी परियोजना
यह परियोजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर वर्ष 2011 में शुरू हुई थी. वहीं ,गंगा पर बन रहे बख्तियारपुर-ताजपुर पुल का काम पहले वर्ष 2016 में ही पूरा होना था. इसे बनाने की धीमी गति देखते हुए निर्माण कार्य पूरा करने का समय बढ़ाकर 2019 कर दिया गया. ऐसे में दोबारा समय बढ़ाने पर भी परियोजना का काम अधूरा है.
कच्ची दरगाह-बिदुपुर परियोजना का आज होगा निरीक्षण
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी कच्ची दरगाह-बिदुपुर
सिक्स लेन परियोजना का शनिवार को पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा के नेतृत्व में निरीक्षण होगा. यह परियोजना एप्रोच रोड और पुल को मिलाकर करीब 22.76 किमी लंबी है. वहीं केवल पुल की लंबाई करीब 9.76 किमी है. इस परियोजना को पूरा हाेने की समयसीमा 15 जनवरी, 2021 है. इसका काम 10 फरवरी, 2016 में शुरू हुआ था.
पैसे की कमी है मुख्य वजह
इस परियोजना की लागत करीब 15 अरब 99 करोड़ 97 लाख रुपये आने की संभावना है. पीपीपी मोड होने के कारण पैसे की व्यवस्था निर्माण एजेंसी को ही करनी थी. बाद में वह एजेंसी टोल टैक्स के माध्यम से अपनी लागत वसूल कर लेती. एजेंसी ने अपना पैसा लगाया, लेकिन उसे बैंक से आर्थिक मदद नहीं मिली. इस कारण काम रुक गया.

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