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हर साल बनता है बजट पर नहीं मिलता अनुदान

पटना : पटना विश्वविद्यालय में हर साल बजट बनता है, सिंडिकेट-सीनेट से उसे स्वीकृत कर सरकार के पास अनुदान के लिए भेजा जाता है लेकिन सरकार से अनुदान नहीं मिलता है. पिछले वर्ष कुल बजट 345 करोड़ था जिसमें 32.42 करोड़ विवि की आय रही. विवि का शुद्ध घाटे का बजट 333.52 करोड़ था. इतनी […]

पटना : पटना विश्वविद्यालय में हर साल बजट बनता है, सिंडिकेट-सीनेट से उसे स्वीकृत कर सरकार के पास अनुदान के लिए भेजा जाता है लेकिन सरकार से अनुदान नहीं मिलता है. पिछले वर्ष कुल बजट 345 करोड़ था जिसमें 32.42 करोड़ विवि की आय रही. विवि का शुद्ध घाटे का बजट 333.52 करोड़ था. इतनी राशि सरकार को अनुदान के रूप में मिलनी थी लेकिन इसमें सिर्फ वेतन और भत्ता की ही राशि विवि को मिली. वित्तीय अनुदान नहीं मिलने से विवि व कॉलेजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वित्तीय अनुदान नहीं मिलने से हो रही परेशानी : इस बार भी करीब पांच सौ करोड़ रुपये घाटे का बजट बताया जा रहा है.
पटना विश्वविद्यालय की आय जो पहले 50 करोड़ रुपये होती थी वह छात्राओं की फीस माफ किये जाने की वजह से 29 करोड़ पर पहुंच गयी है. उसमें वह भी ज्यादातर पैसा वोकेशनल कोर्स से ही आ रहा है. इसके अतिरिक्त विवि की कोई आय नहीं है. चूंकि वेतन मद व भत्ता के अलावा कोई अन्य राशि नहीं आता है, हर वर्ष उक्त राशि दोबारा अगले बजट में जुट जाता है और वह बढ़ता रहता है.
विवि को मिलने वाला कंटीजेंसी भी विगत तीन दशकों से बंद है. पटना विश्वविद्यालय में इस वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 14 नवंबर को सीनेट की बैठक में बजट पास होना है. इस बार का भी बजट तैयार है सीनेट में उसे रखा जाना है. इस बार के बजट में प्रयोगशालाओं पर पहले से अधिक खर्च करने के लिए प्रावधान किये गये हैं. इसके अतिरिक्त भी कई चीजें है. विवि की आय भी पहले से कम हुई है, वहीं खर्चे बढ़ गये हैं.
सिर्फ वेतन व भत्ता
वर्तमान में सरकार सिर्फ वेतन व भत्ता का ही भुगतान कर रही है. इसके अलावा और कोई अनुदान नहीं दे रही है. सिर्फ बिहार स्टेट एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन के माध्यम से सरकार उच्च शिक्षा के इंफ्रास्ट्रक्चर में विवि को मदद कर रही है.
प्रो एनके झा, स्टूडेंट्स वेलफेयर
डीन, पीयू

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