Advertisement
35 फुट गहरे सुखे कुएं की सफाई करने उतरे एक ही परिवार के तीन की दम घुटने से हुई मौत
दुल्हिनबाजार थाना क्षेत्र के सिंघाड़ा गांव की घटना दुल्हिनबाजार : सोमवार को थाना क्षेत्र के सिंघाड़ा गांव में 35 फुट गहरे सूखे कुएं की उड़ाही करने उतरे तीन लोगों की जहरीली गैस से दम घुटने से मौत हो गयी. तीनों एक ही परिवार के थे. मृतकों में दो सगे भाई थे, जबकि एक उनका चाचा […]
दुल्हिनबाजार थाना क्षेत्र के सिंघाड़ा गांव की घटना
दुल्हिनबाजार : सोमवार को थाना क्षेत्र के सिंघाड़ा गांव में 35 फुट गहरे सूखे कुएं की उड़ाही करने उतरे तीन लोगों की जहरीली गैस से दम घुटने से मौत हो गयी. तीनों एक ही परिवार के थे. मृतकों में दो सगे भाई थे, जबकि एक उनका चाचा था.
ये तीनों एक दूसरे को बेहोश होता देख कुआं में बचाने उतरे थे. बाद में ग्रामीणों ने तीनों को बेहोशी की हालत में कुएं से बाहर निकाल कर एम्स ले गये थे, जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया. इधर, तीनों का शव गांव पहुंचते मातम छा गया. परिजनों का रो-रोकर हाल खराब था.
कुआं में उतरते ही बेहोश होते गये : दुल्हिनबाजार प्रखंड में पर्याप्त वर्षा नहीं होने से भूमिगत जल स्तर ऊपर नहीं आया है. इससे पेयजल की समस्या बरकरार है.
इस समस्या से निजात के लिए दुल्हिनबाजार के सिंघाड़ा गांव निवासी सुरेश साव का पुत्र शंकर साव (18 वर्ष) कुएं की उड़ाही करने के लिए अंदर गया था. अंदर जाते ही शंकर बेहोश होने लगा. यह देख उसका बड़ा भाई गजेंद्र कुमार (20 वर्ष) भी कुएं में उतरा. इस दौरान दोनों भाइयों को बेहोश होता देख उनका चाचा मोहन साव (50 वर्ष) अपने आपको रोक नहीं पाया और दोनों भतीजे को बचाने के लिए वह भी कुएं में उतर गया. मोहन भी कुएं में जाते ही बेहोश हो गये.
यह देख ग्रामीणों ने शोर मचाना शुरू कर दिया. देखते ही देखते कुएं के पास भीड़ जमा हो गयी. ग्रामीणों ने काफी मशक्कत के बाद तीनों को बेहोशी की हालत में कुएं से बाहर निकाला. दुल्हिनबाजार पीएचसी लाया गया, जहां डॉक्टरों ने पीएमसीएच भेज दिया. परिजन एंबुलेंस से लेकर पटना एम्स पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया.
एक-एक कर उतरते गये और होते गये बेहोश, मची अफरा-तफरी
डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
घटना की सूचना पर पालीगंज अनुमंडल अस्पताल पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री सह वर्तमान सांसद रामकृपाल यादव ने स्थिति का जायजा लिया.
मौके पर ग्रामीणों ने दुल्हिनबाजार पीएचसी के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि यदि समय पर ऑक्सीजन लगाया जाता तो तीनों की जान बच सकती थी. ग्रामीणों ने पीएचसी के डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे. सांसद ने मृतकों के परिजनों को आपदा के तहत चार-चार लाख रुपये का चेक दिया.
ज्ञात हो कि मोहन साव व सुरेश साव सहोदर भाई थे. दोनों में बंटवारे के बाद घर के आंगन को दीवार बनाकर दो भागों में विभाजित किया गया है. वह दीवार कुएं के ठीक बीच में स्थित है, जिसकी गहराई 35 फुट है. उसी कुएं की उड़ाही करने उतरे तीन लोगों की मौत हो गयी. ग्रामीणों ने लालटेन जलाकर कुएं के अंदर डाला तो लालटेन बुझ गयी. ग्रामीणों का कहना है कि कुएं के अंदर जहरीली गैस है.
परिवार का बुरा हाल
मोहन साव के परिवार में पत्नी के अलावा तीन पुत्री व सात पुत्र है. जिसमें एक पुत्र व एक पुत्री की शादी हो चुकी है. शेष लोगों की परवरिश वह राज मिस्त्री का काम करते थे. तीन सितंबर को गजेंद्र को आर्मी की बहाली में फिजिकल के लिए जाना था. शंकर साव इंटर की पढ़ाई कर रहा था.
गजेंद्र कुमार व शंकर साव सिर्फ दो ही भाई थे. दोनों की मौत से घर का चिराग बुझ गया. अब उसकी सिर्फ पांच बहनें हैं जिसमें चार शादीशुदा व एक अविवाहित है. मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर हाल खराब था. गजेंद्र व शंकर के पिता सदमा से पागल से हो गये थे. मृतक मोहन की पत्नी गम में बेसुध-सी हो गयी थी.
डॉक्टर ने क्या कहा?
पटना : दुल्हिन बाजार के सिंघाड़ा गांव में गहरे कुएं की सफाई करने के लिए अंदर उतरे एक परिवार के तीन सदस्यों की जहरीली गैस से मौत होने के मामले में डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि कुएं में हाइड्रोजन सल्फाइड, अमोनिया, मिथेन और कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा हो जाती है. दिमाग को आक्सीजन चाहिए, वह मिल नहीं पाता है. इससे व्यक्ति अचेत हो जाता है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement