अनुज शर्मा
सीआइडी के डॉग स्क्वायड में हैं 68 कुत्ते
पटना : सीआइडी के स्पेशल-68 खोजी (कुत्ते) अब सबूत खोजने एसी कार से जायेंगे. वे दो घंटे काम करने के बाद एक घंटा आराम करेंगे. कई बड़े मामलों में खुलासा करने वाले डॉग स्क्वायड के हर कुत्ते के रखरखाव, भोजन-पानी और अन्य सुविधाओं पर राज्य सरकार हर महीना करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च कर रही है.
सीआइडी के डॉग स्क्वायड में 68 कुत्ते हैं. ये बारूद, नारकोटिक्स, शराब और सबूत खोजने में एक्सपर्ट हैं. इनकी तैनाती रेंज मुख्यालय पर है. रेंज के दायरे में आने वाले किसी जिले में कहीं वारदात होती है या विशेष चेकिंग करनी होती है तो इनकी मदद ली जाती है. इसके लिए अभी रेंज मुख्यालय से घटनास्थल तक इन्हें ट्रेन अथवा सामान्य वाहनों से ले जाया जाता है.
इसके कारण गर्मी से एलसीसीएन-लेब्राडोर नस्ल के इन विदेशी कुत्तों के काम की क्षमता और गुणवत्ता प्रभावित होती है. साथ ही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इस समस्या को दूर करने के लिए पुलिस मुख्यालय 10 वातानुकूलित डॉग कैरियर खरीदने जा रहा है.
यह डॉग कैरियर पूरी तरह वातानुकूलित होंगे. इनमें डॉग की हर सुविधा का ध्यान रखा गया है. कई घंटे की यात्रा वे आराम से कर सकेंगे. साथ ही ड्यूटी के दौरान हर दो घंटे बाद इसमें आराम करेंगे. इस एक वाहन पर 9.18 लाख से अधिक खर्च आयेगा. सितंबर से डॉग एसी वाहन में बैठकर घटनास्थल की जांच करने जाने लगेंगे.
गर्मी से इनके काम की क्षमता व गुणवत्ता हो रही थी प्रभावित, स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा था प्रतिकूल असर
डाॅग की रेंज स्तर तैनाती है. जांच-पड़ताल के लिए उनको अभी ट्रेन या सामान्य वाहन में ले जाया जाता है. इससे वे परेशान हो जाते हैं. स्पेशल वाहन उपलब्ध होने के बाद वे आराम से घटनास्थल पर जा सकेंगे. इससे डॉग का परफॉर्मेंस और भी बेहतर होगा.
विनय कुमार , एडीजी सीआइडी
हैदराबाद में ले चुके हैं स्पेशल ट्रेनिंग
16 महीने पहले बिहार पुलिस ने 20 स्निफर डॉग खरीदे थे, जिन्हें नौ महीनों तक हैदराबाद के इंटीग्रेटेड इंटेलिजेंस ट्रेनिंग सेंटर में विशेष प्रशिक्षण दिया गया. ये शराब पकड़ने में माहिर हैं. राज्य के सभी 11 रेंज में इन कुत्तों की तैनाती की गयी है. एक कुत्ते पर सिपाही रैंक के दो हैंडलर तैनात किये गये हैं.
कई बड़े मामलों का खुलासा कर चुका है यह दस्ता
सीआइडी का यह स्पेशल खोजी दस्ता कई बड़ी वारदातों का खुलासा कर चुका है. गया में एक डॉक्टर के सामने ही उसकी पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उनकी नाबालिग बेटी से छेड़खानी करने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी पुलिस के डॉग की मदद से ही हुई थी. डॉग ने ही छपरा में 14 बमों की खोज कर कई लोगों की जान बचायी थी. पटना के आर ब्लाॅक में अवर सचिव के हत्यारों को भी सीआइडी के इस चार पैर वाले खोजी ने पकड़वाया था.