पटना : इन दिनों राज्य में मॉब लिंचिंग या मॉब वाइलेंस (हिंसा) की घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही है. इनकी रोकथाम करने के लिए राज्य सरकार हर तरह से सजग है. सभी जिलों को 20 अगस्त तक इससे जुड़े सभी अहम बिन्दुओं पर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.
- सभी जिलों के एसपी को इसके लिए नोडल ऑफिसर बनाया गया, डीएसपी को इनके सहयोग के लिए रखा गया.
- क्या सभी जिलों में इसकी रोकथाम के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन हो गया
- इस टास्क फोर्स को इस तरह की घटनाओं पर खूफिया जानकारी भी एकत्र करने की जिम्मेवारी है.
- हाल के दिनों में जिन-जिन स्थानों पर घटनाएं हुई, उन्हें चिन्हित किया गया या नहीं.
- नोडल अधिकारियों के स्तर पर इसे लेकर नियमित बैठकें होती या नहीं.
- इसे लेकर संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस पेट्रोलिंग की क्या स्थिति
- इस संवेदनशील मामले का प्रचार-प्रसार और आम लोगों के जागरूक करने का अभियान चला
- ऐसे मामलों में तुरंत एफआइआर दर्ज करने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी हुई या नहीं
- क्या पीड़ित परिवार को 30 दिन के अंदर उचित मुआवजा मिला
- न्यायालयों में इन मामलों की स्पीडी ट्रायल कराने की क्या व्यवस्था की गयी
- इन मामलों में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर क्या कार्रवाई की गयी
- लापरवाह पदाधिकारियों पर अधिकतम चार सप्ताह में कार्रवाई करनी है
- सभी जिलों से पूछा गया कि इसके लिए बताये गये एेतिहात और इंतजाम को कितना किया गया लागू
- देश में इस तरह की घटनाओं के मद्देनजर एक जनहित याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है.