पटना : बिहार के विधायकों और विधान पार्षदों को राजधानी में दो-दो कट्ठा जमीन दिये जाने की खबर को बिहार के सहकारिता मंत्री ने बेबुनियाद बताया है. वहीं, वहीं, बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री व संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि विधायकों ने मांग उठायी थी कि विधायकों के लिए एक सहकारी समिति बनायी जाये. यह प्रक्रिया में है. इसमें कुछ गलत नहीं है.
जानकारी के मुताबिक, बिहार के सहकारिता मंत्री राणा रणधीर ने शुक्रवार को बताया कि हाल के दिनों में मीडिया में विधायकों के गृह निर्माण समिति के निबंधन एवं भूमि आवंटन से संबंधित खबरें पूरी तरह बेबुनियाद एवं भ्रामक है. उन्होंने कहा कि विधायकों के गृह निर्माण समिति के निबंधन से संबंधित कोई भी प्रस्ताव सहकारिता विभाग के पास नहीं आया है. किसी गृह निर्माण समिति के लिए भूमि का आवंटन, भूमि का दर या इससे संबंधित किसी भी विषय से सहकारिता विभाग का कोई संबंध नहीं होता है. बिहार स्टेट हाउसिंग फेडरेशन, मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट 2002 के अंतर्गत निबंधित है. बिहार राज्य आवास बोर्ड की भूमि का स्वामित्व आवास बोर्ड के पास होता है और वह अपने बोर्ड के निर्णय के अनुसार भूमि का प्रबंधन करता है.
वहीं, बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री व संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि विधायकों ने मांग उठायी थी कि विधायकों के लिए एक सहकारी समिति बनायी जाये. यह प्रक्रिया में है. यहां तक कि पंजीकरण भी शुरू नहीं हुआ है. सहकारी समितियों का गठन आम जनता, श्रमिकों, अधिकारियों द्वारा किया जाता है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
Bihar Minister Shravan Kumar: MLAs had raised the demand that a cooperative be set up for MLAs, it's in process, even the registrations haven't started yet. Cooperative societies are formed by the general public, workers, officials as well, nothing wrong in it. pic.twitter.com/5yBXrz5FGM
— ANI (@ANI) August 2, 2019