बांकीपुर : बस डिपो से लेकर कलेक्ट्रेट परिसर की पार्किंग तक स्टांप पेपर बेचा जा रहा है. कोषागार में स्टांप पेपर की समस्या है, तो फर्जी वेंडरों ने जाली स्टांप पेपर बेचना शुरू कर दिया है. सबसे अधिक Rs 1000 के स्टांप का चलन है. वेंडर Rs 1000 के नकली स्टांप छह सौ में बेच रहे हैं. एक फर्जी वेंडर ने बताया कि किराये का पेपर बनाने से लेकर अन्य कामों के लिए अधिकतर लोग ख्ृृनकली स्टांप का ही उपयोग करते हैं.
10 लाख बढ़ गयी इ-स्टांप की खपत
जिला निबंधन कार्यालय में रजिस्ट्री के लिए स्टॉक होल्डिंग की ओर से इ-स्टांप व इ-रजिस्ट्रेशन सेंटर खोले गये हैं. इनके तीन काउंटरों से इ-स्टांप देने का काम किया जाता है. होल्डिंग कंपनी के एक कर्मी ने बताया कि बाहर स्टांप नहीं मिलने पर अन्य कामों के लिए भी यहां आकर लोग स्टांप ले रहे हैं. 10 रुपये से लेकर एक हजार के इ-स्टांप की खपत बढ़ गयी है.
इससे प्रतिदिन 70 लाख के लगभग बिक्री होने वाला स्टांप 80 लाख तक पहुंच गया है. दो सप्ताह से यहां लंबी लाइनें लग रही हैं. सोमवार को कुछ लोगों ने अधिक स्टांप व लाइन विवाद को लेकर मारपीट भी की. इसके बाद मंगलवार को थोक में इ-स्टांप देने का काम बंद कर दिया गया.
का नकली स्टांप पेपर िबक रहा Rs 600 में