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बिहार बोर्ड : तीन चरणों में इंटर का नामांकन, 300 शुल्क
प्रवेश के लिए हर छात्र अपनी पसंद के 20 शिक्षण संस्थानों का दे सकते हैं विकल्प विद्यार्थियों का नामांकन उसके विकल्पों से अलग शिक्षण संस्थाओं में नहीं पटना : बिहार बोर्ड ने इंटर में प्रवेश के लिए प्रदेश के विद्यार्थियों को महज 300 रुपये में उसकी ही पसंद के 20 शिक्षण संस्थानों में प्रवेश का […]
प्रवेश के लिए हर छात्र अपनी पसंद के 20 शिक्षण संस्थानों का दे सकते हैं विकल्प
विद्यार्थियों का नामांकन उसके विकल्पों से अलग शिक्षण संस्थाओं में नहीं
पटना : बिहार बोर्ड ने इंटर में प्रवेश के लिए प्रदेश के विद्यार्थियों को महज 300 रुपये में उसकी ही पसंद के 20 शिक्षण संस्थानों में प्रवेश का विकल्प दिया है. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने साफ किया है कि अगर पहली सूची में एडमिशन लेने के बाद अगर दूसरी या तीसरी मेधा सूची में कोई दूसरा स्कूल आवंटित हाे जाता है तो विद्यार्थी को अतिरिक्त फीस नहीं देनी होगी.
अगर किसी विद्यार्थी का किसी उच्च स्तरीय या अधिक फीस वाले स्कूल में एडमिशन हुआ है, तो उसे केवल 300 के अतिरिक्त बढ़ी हुई कुछ राशि देनी होगी. वहीं अगर इसके विपरीत कम फीस वाले स्कूल में प्रवेश मिलता है, तो उसकी तीन सौ रुपये में से उसी अनुपात में पैसे वापस भी हो जायेंगे.
इस आधार पर जारी हुई मेधा सूची
रविवार को प्रथम मेधा सूची जारी करने के दौरान बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि कट ऑफ लिस्ट या मेधा सूची जारी करने के लिए कई कसौटियों को आधार बनाया गया.
इनमें कुछ मुख्य कसौटियां इस प्रकार हैं-
इंटर विद्यालयों/महाविद्यालयों में 11वीं कक्षा में नामांकन के लिए उपलब्ध सीट की संकाय वार संख्या
ऑनलाइन आवेदन में भरे गये संस्थान/संकाय का विकल्प
विद्यार्थियों को मैट्रिक की परीक्षा में प्राप्त हुए अंक
आरक्षण संबंधी प्रभावी प्रावधान
इंटर स्कूल से मैट्रिक पास विद्यार्थियों को उनके मूल विद्यालय में नामांकन को प्राथमिकता
वैसे संस्थानों में, जहां 12वीं की पढ़ाई के साथ 10वीं की पढ़ाई भी होती है, वैसे संस्थानों से मैट्रिक उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों ने यदि 12वीं की पढ़ाई के लिए विकल्प में अपने विद्यालय (जहां से उन्होंने 10वीं की कक्षा उत्तीर्ण की है) का विकल्प दिया है, तो ऐसे मामलों में उन विद्यार्थियों को मूल संस्थान में नामांकन में प्राथमिकता दी गयी है.
यदि मूल संस्थान से ऊपर का विकल्प नामांकन के लिए प्राथमिकता सूची में नहीं मिलता है, तो चयन अपने मूल विद्यालय में ही होगा. उदाहरण के लिए अगर किसी विद्यार्थी ने अपने विद्यालय का विकल्प, जहां से उन्होंने 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है, को छठे स्थान पर दिया है और उनका चयन उनके मेधा एवं आरक्षण के आधार पर आठवें नंबर के विकल्प में होता है, तो उस परिस्थिति में उन्हें छठे नंबर के अपने मूल संस्थान में नामांकन के लिये चुना जायेगा.
अगर ऐसे विद्यार्थी का चयन तीसरे विकल्प (जो छठवें विकल्प से ऊपर है) के संस्थान में होता है, तो उस स्थिति में उनका चयन तीसरे विकल्प में दिये गये संस्थान में नामांकन के लिये चुना जायेगा. हालांकि संस्थान के लिए यह प्रावधान उनके लिए तय की गयी अधिकतम सीट सीमा के अंतर्गत ही मान्य है.
पटना : अब मूल्यांकन का पैसा सीधे शिक्षक के खाते में
पटना : उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की एवज में बतौर पारिश्रमिक जारी की जाने वाली राशि को बिहार बोर्ड अब सीधे मूल्यांकनकर्ता शिक्षक के खाते में डालेगा. बिहार बोर्ड इसके लिए शिक्षकों की बैंकिंग जानकारियां हासिल कर रहा है. हालांकि इस कवायद की शुरुआत हो गयी है. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लगे सभी शिक्षकों के बैंक एकाउंट और दूसरी जानकारियों का सत्यापन कर रहा है. अब बिहार बोर्ड सीधे तौर पर शिक्षकों के खाते में डालेगा. मूल्यांकन में लगे शिक्षकों को होने वाली असुविधा दूर हो जायेगी. वित्तीय अनियमितता पर अंकुश लगेगा.
आधिकारिक जानकारी में बताया गया कि पिछले समय में बिहार बोर्ड के पास तमाम ऐसी शिकायतें मिली थीं कि मूल्यांकन निदेशक अपने अधीन मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों की राशि को महीनों लटका देते हैं. शिक्षक संघों की तरफ से की गयी शिकायतों में अनौपचारिक तौर पर यहां तक बताया गया था कि मूल्यांकन निदेशक शिक्षकों को बांटने के लिए आये पैसों पर ब्याज भी कमाते हैं.
अभी तक मूल्यांकन का पैसा मूल्यांकन निदेशक के खाते में जाता था. वह अपनी मर्जी से बांटता था. इन शिकायतों के बाद मूल्यांकन निदेशक और शिक्षक के संयुक्त खाते में पैसा डालने की कवायद शुरू हुई. अब सीधे शिक्षक के खाते में पैसा डालने का प्रावधान हुआ है.
पटना के टॉप टेन कालेज /स्कूल के लिए कट आॅफ मार्क्स
बिहार बोर्ड की तरफ से ओएफएसएस ने राज्य में इंटर की पढ़ाई करा रही शिक्षण संस्थाओं का कट आफ मार्क्स रात नौ बजे के बाद जारी कर दिया.
पहली मेधा सूची में केवल उन्हीं विद्यार्थियों को मौका मिला है, जो मैट्रिक परीक्षा पास करने वाले स्कूलों में ही इंटर नामांकन करायेंगे. जिन विद्यार्थियों ने मैट्रिक की परीक्षा किसी अन्य विद्यालय से पास की है, उनकी दूसरी मेधा सूची प्रकाशित होगी. ओएफएसएस वेबसाइट पर कटेगरी वाइज कट आफ मार्क्स (प्रतिशत में) अपलोड कर दिये गये हैं.
पटना : इंटर में नामांकन के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के 889 स्कूलों में 81300 सीटें बढ़ा दी गयी हैं. इन सीटों की संख्या मांग के आधार पर बढ़ायी गयी है. बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि सीटें स्कूल में मौजूद इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधार पर बढ़ायी गयी हैं.
शासन के समक्ष प्रस्ताव भेजा गया था, उसे मंजूरी मिल गयी है. हालांकि इसके लिए कई और भी आधार हैं. गौरतलब है कि पिछले साल की तुलना में इस साल करीब डेढ़ लाख अधिक विद्यार्थियों के आवेदन आये हैं. अब कुल सीटों की संख्या साढ़े 15 लाख से ऊपर हो गयी है.
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